नव वर्ष पर हास्य कविता :- वक़्त आप जो साथ हैं

साल 2019 की विदाई है और 2020 का आगमन। हर कोई चाहता है कि नया साल नयी खुशियाँ लेकर आये। आइये पढ़ते हैं इसी विश्वास के साथ लिखी गयी नव वर्ष पर हास्य कविता ( Nav Varsh Par Hasya Kavita ) "वक़्त आप जो साथ हैं" नव वर्ष पर हास्य…

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नव वर्ष पर कविता :- अंततम और नूतन बरस | Nav Varsh Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं नव वर्ष पर कविता ( Nav Varsh Par Kavita ) अंततम और नूतन बरस :- नव वर्ष पर कविता नूतन वर्ष के स्वागत में, बीतते बरस भुला चुके हैं। सपने जो देखे उस वर्ष, उन्हें नींद में सुला चुके हैं।। हर क्षण दे गया नया जीवन…

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सच्चे प्यार पर कविता :- दिमाग न इश्क में लगाना

प्यार करना आसान होता है लेकिन निभाना बहुत ही मुश्किल। सच्चा प्यार किसी पर अपना हक़ जताना नहीं होता बल्कि उसे आज़ादी देना होता है। इसी सन्दर्भ में आइये पढ़ते हैं सच्चे प्यार पर कविता " दिमाग न इश्क में लगाना " सच्चे प्यार पर कविता मना लेना हर बार…

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इंतजार पर कविता :- बस लम्बा इन्तजार | Intezar Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं ( Intezar Par Kavita ) इंतजार पर कविता " बस लम्बा इन्तजार " :- इंतजार पर कविता इन्तजार ..इन्तजार ! बस लम्बा इन्तजार ... आँखों मे सजाए दिल में बिठाए किसी का प्यार, जन्मों से बैठी हूँ कर कर सुबह से शाम इन्तजार, आती है जाती…

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मिट्टी की महिमा पर कविता :- हाँ मैं मिट्टी हूँ | Mitti Ki Mahima Par Kavita

सारा संसार ही मिट्टी का बना हुआ है। मिटटी से ही जीवन शुरू होता है और मिट्टी पर ही ख़तम हो जाता है। आइये पढ़ते हैं ( Mitti Ki Mahima Par Kavita ) मिट्टी की महिमा पर कविता "हाँ मैं मिट्टी हूँ" :- मिट्टी की महिमा पर कविता हाँ मैं…

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चरित्र पर कविता :- मूल्यांकन | Charitra Par Kavita

जीवन में आप कुछ भी बन जाएँ, कोई भी मुकाम आपको हासिल हो जाए। आपकी पहचान सदा आपके चरित्र से ही होती है। यही भाव प्रकट किये गए हैं इस ( Charitra Par Kavita ) चरित्र पर कविता " मूल्यांकन " में :- चरित्र पर कविता सोने वालोंं जागो, जाग…

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हिंदी भक्ति कविता :- हे करूणानिधान दया करो

जीवन में सही मार्ग दिखाने के लिए प्रार्थना करती हुई हिंदी भक्ति कविता ( Hindi Bhakti Kavita ) " हे करूणानिधान दया करो " हिंदी भक्ति कविता हे करूणानिधान दया करो अपनी कृपा बनाए रखें हम अज्ञानी तेरी शरण में हमें सही राह बताना प्रभु। ये जीवन तुम्ही ने दिया…

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प्रजाशासक पर कविता :- प्रजा-शासक मौन है

आप पढ़ रहे हैं प्रजाशासक पर कविता :- प्रजाशासक पर कविता तेरे अन्दर मेरे अन्दर, कुछ बात दबी है सीने में। प्रजा-शासक मौन है, क्या मजा आ रहा जीने में।। जुबां खुली जब भी, कलंकित देशद्रोही माना खंडन किया जब भी, भड़काऊ विद्रोही माना। सोम रस तो नहीं मांगता, जहर…

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मंच पर हिंदी कविता :- मिला ऐसा मंच ये

आप पढ़ रहे हैं मंच को समर्पित मंच पर हिंदी कविता :- मंच पर हिंदी कविता शब्दों के भावों से मचल ही जाते हैं तभी हम जैसे दिल पिघल जाते हैं नदियों के साथ यूं बहते चले जायें सीमा लांघ तालाब से निकल जाते हैं। अभी तो चट्टानों का ही…

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बिटिया पर कविता :- वो गुड़िया | Bitiya Par Kavita

कलयुग में हो रहे घोर पापों में एक पाप बलात्कार। जिसकी बलि न जाने कितनी नारिया चढ़ गयी हैं। एक पिता जो सारी उम्र बेटियों को पलता है और उन्हें लड़कों की तरह रखता है। उसके सारे सपने चूर-चोर हो जाते हैं। जब उसके जिगर के टुकड़े कोई और रौंद…

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नींव और मकान पर कविता :- नींव बनूँ या मकान हिंदी कविता

एक ईमारत में सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण होती है उसकी नींव। बिना नींव के मकान की कल्पना भी नहीं की जा सकती लेकिन प्रशंसा सदैव मकान की ही होती है। उस समय नींव की कोई बात ही नहीं करता। जीवन में इंसानों के साथ भी ऐसा ही होता है। कुछ इंसान…

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शेरावाली माँ पर भक्ति कविता :- हे मां शेरावाली

महिषासुर का संहार करने वाली और शेर पर सवारी करने वाली माँ दुर्गा को समर्पित शेरावाली माँ पर भक्ति कविता ( Sherawali Maa Par Bhakti Kavita ) :- शेरावाली माँ पर भक्ति कविता हे मां शेरावाली अन्दर ऐसा प्रेम जगाओ जन जन का उपकार करूं, प्रज्ञा की किरण पुंज तुम…

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