हंसराज जी की ” बिटिया रानी पर कविता ” :-

बिटिया रानी पर कविता

बेटी है घर की शान,
बेटी के बिना घर वीरान।

बेटी में ही रचा है ज़हान,
बेटी जब ही तो है महान।

बेटी हो कितनी ही पराई,
बेटी है मां की परछाई।

बेटी करे आज आह्वान,
बेटी सब बने विद्धवान।

बेटी की खुशी मे बहार,
बेटी ही बने खैवनहार।

बेटी करते है भाग्यवान,
बेटी से होता यशोगान।

बेटी है अनुपम रचना,
बेटी दाता की कल्पना।

बिटिया होती है रानी,
बिटिया ही है निशानी।

पढ़िए :- बेटी पर कविता ” बेटी तू मेरा स्वाभिमान है। “


रचनाकार का परिचय

हंसराज "हंस"

हंसराज “हंस” जी गत 30 वर्षो से अध्यापन का कार्य करवा रहे है। शिक्षा मे नवाचारों के पक्षधर है। “हैप्पी बर्थडे” “गांव का अखबार” इनके शैक्षिक नवाचार है। शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशालाओं में संदर्भ व्यक्ति ( रिसोर्स पर्सन ) के रूप में 8-10 वर्षों का अनुभव रखते है। तात्कालिक मुद्दों, जयंतियों व सामाजिक कुरीतियों पर आलेख लिखते रहते।

मौलिक लेख विभिन्न सामाजिक, धार्मिक व देश व प्रदेश की पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। इसके साथ ही न्यूज पोर्टल व सोशल मीडिया के माध्यम से भी कई वेबीनारो व फेसबुक लाइव प्रसारण पर विभिन्न मंचों के माध्यम से अपने मौलिक विचारों का प्रकटीकरण करते रहते है। शिक्षक संगठन व सामाजिक संगठनों में विभिन्न दायित्वों का निर्वाह करते हुए निरंतर सामाजिक सुधारों की ओर अग्रसर है।

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