ग़ज़लों की दुनिया में पाइए जैसी भी आपको ग़ज़ल चाहिए
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ग़ज़ल चाहिए ग़ज़ल
5 हिंदी ग़ज़लें 5 हिंदी ग़ज़लें - अगर है प्यार अगर है प्यार मुझसे तो बताना भी ज़रूरी हैदिया है हुस्न मौला ने दिखाना भी ज़रूरी है इशारा तो करो मुझको कभी अपनी निगाहों से अगर है इश्क़ मुझसे तो जताना भी ज़रूरी है अगर कर ले सभी ये काम…
हिंदी ग़ज़ल समंदर सी आँखें हिंदी ग़ज़ल समंदर सी आँखें समंदर-सी आँखें उधर तौबा-तौबाइधर डूब जाने का डर तौबा-तौबान कर ये, न कर वो, न कर तौबा-तौबायों गुज़री है सारी उमर, तौबा-तौबावो नज़रें बचाकर नज़र से हैं पीतेलगे ना किसीकी नज़र, तौबा-तौबाझुके थे वो जितना, हुआ नाम उतनाथा घुटनों में…
Hindi Ghazal Achha Hai - आप पढ़ रहे हैं हिंदी ग़ज़ल अच्छा है :- Hindi Ghazal Achha Haiहिंदी ग़ज़ल अच्छा है मुझे हर रोज न तू तड़पाया कर,क्या तिल तिल मरना अच्छा है? मुझसे इश्क़ कर तो ऐसे कर,कि लगे हद से गुजरना अच्छा है। लबों पे आई बात अब…
नमस्कार दोस्तों मुझे बहुत बार लोग़ों ने ये कहा है कि मैं जन्म दिन पर भी कोई ग़ज़ल लिखूँ। तो इस लिए आज मैं आपका शायर 'यशु जान' अपनी क़लम से लेकर आया हूँ एक शानदार ग़ज़ल जो कि आज किसी ख़ास शख़्स के जन्म दिन पर ही लिख़ी गई…
ग़ज़ल तर्क वितर्क मुश्क़िलों को समझें तर्क - वितर्क करें , मज़हबों में नहीं सोच में फ़र्क़ करें। कोहिनूर भी किसी ने चुरा लिया था , कमाई दौलत को समझकर ख़र्च करें। मंज़िलें , क़ामयाबी भी तब ही मिलेगी , चलने से पहले अपना इरादा ज़र्फ़ करें। पर जहाँ पर…
आप पढ़ रहे हैं ग़ज़ल जहां को बता दूँ :- ग़ज़ल जहां को बता दूँ तेरे हिज्र में ख़ुद को ऐसी सज़ा दूँ मोहब्बत है क्या ये जहां को बता दूँ गुज़र पाएगी कैसे तन्हा जवानी किसी नाज़नीं को जिगर में बिठा दूँ बहुत तीरगी है न यूँ दूर होगी…
ग़ज़ल अच्छा लगता है ख़त का आना,सबसे छुपाना, अच्छा लगता है। सोच के रखना नया ठिकाना, अच्छा लगता है। पहली टक्कर,ज़ोर का झगड़ा नहीं भूलता कुछ बार-बार क़िस्सा दोहराना, अच्छा लगता है। प्यार का बोसा,टपका आँसू, सुर्ख़ गुलाबी गुल ख़त से इत्र की ख़ुश्बू आना, अच्छा लगता है। चाँदनी रातें,तारे…
ग़ज़ल - भूलने में ज़माने लगे हैं रक़ीबों से निस्बत बढ़ाने लगे हैं दिलो-जान उन पर लुटाने लगे हैं वो फिर से पलटकर क्यूँ याद आए जिन्हें भूलने में ज़माने लगे हैं। रक़ाबत के मारे ये हमजाम याराँ हमें महफ़िलों से उठाने लगे हैं न दिन में तसल्ली न शब…
ग़ज़ल – बावरा मन पेड़ की फुनगी का तोता बावरा मन। उन्स में ईश्वर के रोता बावरा मन। ग़र्ज़ के गहरे समुंदर में नहाकर हर भरोसा अपना खोता बावरा मन। ज़ह्र की फ़सलें कभी काटी न जाएं प्रेम के बीजों को बोता बावरा मन। दर्द से जोड़ा है नाता इस…
आप पढ़ रहे है आदरणीया अंशु विनोद गुप्ता जी की ग़ज़ल - क़सम दिल से जो खाते हैं ( Ghazal Kasam Dil Se Jo Khate Hain ) :- ग़ज़ल - क़सम दिल से जो खाते हैं सदा ही साथ रहने की क़सम दिल से जो खाते हैं वही फिर राह…
आप पढ़ रहे हैं प्रेम पर ( Hindi Ghazal Pyar Ki Ibadat ) हिंदी ग़ज़ल - प्यार की इबादत :- हिंदी ग़ज़ल - प्यार की इबादत तुझे तड़पाना शायद उसकी आदत में हो , मग़र तेरा हर लम्हा उसकी इबादत में हो वो देखे तुझे या ना देखे तुझे…
आदरणीया अंशु विनोद गुप्ता जी की ग़ज़ल - झूठ की ताज़ा ख़बर अख़बार है ( Ghazal Jhooth Ki Taza Khabar ) :- ग़ज़ल - झूठ की ताज़ा ख़बर झूठ की ताज़ा ख़बर अख़बार है। हर ख़बर अब बन गई व्यापार है। कुछ नज़ाकत,कुछ नफ़ासत ये अना हुस्न की तो हर…