हिंदी प्याला के हिंदी कविता संग्रह में पढ़िए :-
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कसम पर कविता | Kasam Par Kavita | Promise Poem In Hindi

आप पढ़ रहे हैं कसम पर कविता :- Promise Poem In Hindiकसम पर कविता जिंदगी में आए हो, तो कसमें लेनी पड़ेगी।जीवन के हर मोर्चे पर, कसमें निभानी पड़ेगी। कसम लेना है आसान, निभाना होता है भारी।जीवन में हर आदमी की, भूमिका होती है न्यारी-न्यारी। पिता, पति, मामा व चाचा,…

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हिंदी बाल कविता :- आओ जंगल की कहानी सुनो

आप पढ़ रहे हैं हिंदी बाल कविता " आओ जंगल की कहानी सुनो " :- हिंदी बाल कविता आओ जंगल की कहानी सुनो सदियों बात पुरानी सुनो। जहाँ रहते थे सभी जीव जंतु आपस मे मिलजुलकर, धमाचौकडी करते थे सब मिलकर दिनभर। चिड़िया चुं - चुं गाना गाती नित -…

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सब्जियों पर हास्य कविता | आलू और बैंगन के बीच लड़ाई

आप पढ़ रहे हैं ( Sabjiyon Par Hasya Kavita ) सब्जियों पर हास्य कविता :- सब्जियों पर हास्य कविता आलू,प्याज, भिन्डी से बैंगन की हुई लड़ाई। सब्जी मंडी में एक अकेला, क्या करें चौलाई।। भिन्डी प्याज लड़ न पाए,आलू की बारी आई। आलू बोला टमाटर से बैंगन को समझा मेरे…

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योग दिवस पर कविता :- योग देता है शक्ति | Yog Diwas Kavita

आप पढ़ रहे हैं ( Yog Diwas Par Kavita ) योग दिवस पर कविता :- योग दिवस पर कविता नियमित करो योग। बने रहोगे निरोग। योग देता है शक्ति। करो ईश्वर की भक्ति। मिलेगी जीवन से मुक्ति। योग ही है इसकी युक्ति। योग से आती है उर्जा। योगी के नही…

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ज्ञान की कविता :- भ्रम की पोटली | Gyan Ki Kavita

आप पढ़ रहे रहे हैं ( Gyan Ki Kavita ) ज्ञान की कविता :- ज्ञान की कविता कब तक चलते रहोगे। लेकर भ्रम की पोटली को हाथ में। मेरे बाद में कैसे, क्या होगा, मेरे परिवार के साथ में। यहां कोई किसी का नही, यहां पालते है सब भ्रम को।…

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कविता मेरा देश मेरा मान | Mera Desh Mera Maan Kavita

आप पढ़ रहे हैं ( Mera Desh Mera Maan Kavita ) कविता मेरा देश मेरा मान :- कविता मेरा देश मेरा मान धरती अम्बर सूरज नभ पर गाते जिसका गान, अलग अलग जहाँ बोली भाषा करते सबका सम्मान मेरा देश मेरा मान,,, खूब खेली खून की होली लाल रक्त बहाये…

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कविता क्या लिखूँ | Hindi Kavita Kya Likhun

आप पढ़ रहे हैं ( Hindi Kavita Kya Likhun ) कविता क्या लिखूँ :- कविता क्या लिखूँ कुछ गहरा सा लिखना था, कविता से ज्यादा क्या लिखूँ ? कुछ कीर्तन सा लिखना था, आरती से ज्यादा क्या लिखूँ ? कुछ ठहरा सा लिखना था, दर्द से ज्यादा क्या लिखूँ ?…

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पिता पर कविता – श्रद्धेय पिता जी | Pita Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं ( Pita Par Kavita ) पिता पर कविता :- पिता पर कविता पूज्य पिता जी की,कोमल छांव को किन शब्दों में उल्लेख करूँ । निर्णय लिया आज जीवन की पुस्तक के उन,पन्नों को पढ़ लूं । प्रतीत ऐसा हो रहा, मैं अतीत आज, वर्तमान बना लूं…

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Mata Pita Par Kavita | माता पिता पर कविता | New Poem Dedicated To Parents

आप पढ़ रहे हैं ( Mata Pita Par Kavita ) माता पिता पर कविता :- Mata Pita Par Kavitaमाता पिता पर कविता न जाने वो दिल में अपनेकितने दर्द छिपाते हैंवो तो संग हमारेसदा ही मुस्कुराते हैं,होते हैं परेशां जब भीजरा न हमको जताते हैंवो तो संग हमारेसदा ही मुस्कुराते…

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जुदाई पर कविता | Judai Par Kavita | Poem On Separation

आप पढ़ रहे हैं ( Judai Par Kavita ) जुदाई पर कविता :- जुदाई पर कविता जिन्दा हूँ पर बेजान हो गया हूँबिना तेरे वीरान हो गया हुँ,घर की रौनक खो गई है कहींजैसे सूना मकान हो गया हूँ ।। मौसम है ये इश्क़ मे जुदाई कातुझ बिन सूखा मैदान…

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संगीत दिवस पर कविता | Sangeet Diwas Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं 21 जून को मनाए जाने वाले ( Sangeet Diwas Par Kavita ) संगीत दिवस पर कविता :- संगीत दिवस पर कविता आना है और चलें जाना है! जीवन का चलन पुराना है!! जीवन का नहीं ठिकाना है! जन्म लिया तो मर जाना है!! गाना और बजाना…

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कविता सारी उम्र गुजारी हमने | किसान के दर्द पर कविता

आप पढ़ रहे हैं ( Kavita Sari Umra Gujari Humne ) किसान के दर्द पर कविता सारी उम्र गुजारी हमने :- कविता सारी उम्र गुजारी हमने सारी उम्र गुजारी हमने, किसान बन खेती करने में। शीत,ताप सब सहते है, पीछे नही श्रम करने में। भोर हुई निकल पड़ते, ले कुदाली…

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