हिंदी प्याला के हिंदी कविता संग्रह में पढ़िए :-
माँ पर कविताएं , प्रकृति पर कविताएं , शिक्षक दिवस पर कविताएं , माँ पर कविता हिंदी में , गुरु पर कविताएं , पेड़ पर कविताएं , नारी पर कविताएं , महिलाओं पर कविताएं , पानी पर कविताएं , बादल पर कविताएं , बहन पर कविता इन हिंदी , पर्यावरण पर कविता इन हिंदी , सैनिक पर कविता इन हिंदी 15 अगस्त पर कविताएं , अनुशासन पर कविताएं , खुशी पर कविताएं , गांधी पर कविताएं , गरीबी पर कविताएं , घड़ी पर कविताएं , चाँद पर कविताएं , जिंदगी पर कविताएं , जन्मदिन पर कविताएं , जल पर कविताएं , देशभक्ति पर कविताएं , नदी पर कविताएं , भारत पर कविताएं , रक्षाबंधन पर कविताएं , रिश्तों पर कविताएं , शहीदों पर कविताएं , शिक्षा पर कविताएं , स्वच्छता पर कविताएं , गुरु पर कविता हिंदी में , वसंत पर कविता हिंदी में , पर्यावरण पर कविता हिंदी में , राम पर कविताएं

मजदूर पर हिंदी कविता | Mazdoor Par Hindi Kavita

आप पढ़ रहे हैं मजदूर पर हिंदी कविता :- मजदूर पर हिंदी कविता मुट्ठी में बंद उष्णता, सपने, एहसास लिए, खुली आंखों से देखता है कोई ..... क्षितिज के उस पार। बंद आंखों से रचता है इंद्रधनुषी ख्वाबों का संसार। झाड़ता है सपनों पर उग आए कैक्टस और बबूल.... रोपता है…

Continue Readingमजदूर पर हिंदी कविता | Mazdoor Par Hindi Kavita

मास्क पर कविता | Hindi Poem On Mask

आप पढ़ रहे हैं मास्क पर कविता :- मास्क पर कविता कोरोना ने दिया सबको, छोटा सा एक टास्क। मुझ से बचना है तो, लगाना होगा मास्क। घर में रहना मास्क लगाना, है आसान। पर फिर भी देखो, अनजान बन रहा इंसान। मास्क कोरोना के साथ, बचाता है धुआं,धूल व…

Continue Readingमास्क पर कविता | Hindi Poem On Mask

हिंदी कविता काल ने तांडव रचा | Kaal Ne Tandav Rachaa

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता काल ने तांडव रचा :- हिंदी कविता काल ने तांडव रचा काल ने तांडव रचा.. जीना मुश्किल हुआ, चंद सांसें भी लेना दुश्वार हुआ.. सांसे बिकती है ..बोलो खरीदोगे? बिकता है जमीर खरीदोगे? मुनाफाखोर ले रहे मुनाफे का मजा.. उन्हें क्या मतलब!! देश पर…

Continue Readingहिंदी कविता काल ने तांडव रचा | Kaal Ne Tandav Rachaa

व्यवहार पर कविता | Vyavhar Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं ( Vyavhar Par Kavita ) व्यवहार पर कविता :- व्यवहार पर कविता व्यवहार ही है,व्यक्ति की अनमोल पूंजी। व्यवहार है जीवन के,अनसुलझे प्रश्नों की कुंजी। आचरण और व्यवहार ही, व्यक्ति को देते है पहचान। एक बार की मुलाकात से ही, बन जाते है अमिट निशान। दूसरों…

Continue Readingव्यवहार पर कविता | Vyavhar Par Kavita

Shabd Par Kavita | शब्द पर कविता

आप पढ़ रहे हैं ( Shabd Par Kavita ) शब्द पर कविता :- शब्द पर कविता | Shabd Par Kavita शब्दों की गरिमा है , उसकी अपनी महिमा है।। हर दिल में यहां वेदना है, जिसमे मीठी बोली ही दवा है।। मानव केवल अपनी जिव्हा से हारा है, अहंकार ,…

Continue ReadingShabd Par Kavita | शब्द पर कविता

हिंदी कविता चांदनी रात | Hindi Kavita Chandni Raat

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता चांदनी रात :- हिंदी कविता चांदनी रात यह चांदनी रात कितनी निराली यह तो मदवाली है।। श्वेत चंद्रमा रजत रश्मियां, रूप यौवन से अपनी छटा बीखराती।। चांदनी रात में सुंदर रूप वसुंधरा का आंचल महाकाती ।। सतरंगी पुष्प - लताओं से करती श्रृंगार खेत…

Continue Readingहिंदी कविता चांदनी रात | Hindi Kavita Chandni Raat

हिंदी कविता सुन्दरता की देवी | Hindi Kavita Sundarta Ki Devi

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता सुन्दरता की देवी :- हिंदी कविता सुन्दरता की देवी सुन्दरता की देवी हो तुम, तन सुन्दर है, मन सुन्दर है। बुरा ना मानो हे सुकुमारी, तो कह दूं यौवन सुन्दर है।। मुखमंडल पे निखार ऐसा, चक्षु चौंधियांते हैं मेरे, नैनों में मदहोशी ऐसी, जैसे…

Continue Readingहिंदी कविता सुन्दरता की देवी | Hindi Kavita Sundarta Ki Devi

देवी पर कविता | Devi Stuti Kavita | Beautiful Poem

आप पढ़ रहे हैं देवी पर कविता :- देवी पर कविता शुभ्र शुचिता शुभम, श्वेत पदमासनम,सर्वगुणसम्पदम, त्वम विनय वारिधि ।।शारदे पूण्यतम, पथ पुनितम परम,मंगलम स्नेह, सुख वर्धिनी, स्वरनिधि ।।विंध्य गिरी ऊर्ध्व शोभित, भुवन वंदिनी,कृष्ण कुल हित जनित, सन्त सुख स्वासुधि ।।मधु पुहुप पोषितम, रक्षितम अम्ब त्वम,इप्सितम, मम हितम वर दे…

Continue Readingदेवी पर कविता | Devi Stuti Kavita | Beautiful Poem

अनुराग पर कविता | Anurag Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं अनुराग पर कविता :- अनुराग पर कविता अनुराग के बिना, जीवन होता है नीरस। प्रेम की गंगा में ही, बहता‌ है अमृत रस। कवि मन प्रेम रस में डूब, छेड़ता है जब वीणा के तार। झूम उठते है दीवाने, प्रेम में वीणा की झंकार। हे प्रिय…

Continue Readingअनुराग पर कविता | Anurag Par Kavita

हिंदी कविता रक्त उबलते देख रहा हूँ | Kavita Rakt Ubalte

वर्ष 2021, गणतंत्र दिवस के मौके पर उपद्रवियों द्वारा लाल किले पर अभद्रता और हुड़दंग मचाने की घटना की कवि हृदय से भर्त्सना करती हुयी हिंदी कविता रक्त उबलते देख रहा हूँ :- हिंदी कविता रक्त उबलते देख रहा हूँ लाल किले की चिर प्राचीर के रक्त उबलते देख रहा…

Continue Readingहिंदी कविता रक्त उबलते देख रहा हूँ | Kavita Rakt Ubalte

हिंदी कविता मैं लिखता रहूंगा | Kavita Mai Likhta Rahunga

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता मैं लिखता रहूंगा :- हिंदी कविता मैं लिखता रहूंगा मैं आज नहीं चिंगारी हूँ, पत्थरों में भी दिखता रहूंगा। मैं अपनी बोली, वचनों को, शब्दों में लिखता रहूंगा। मैं लोगों की व्यथा, ख़ुद की कथा, को सुनता, सुनाता रहूंगा। मैं विस्तार नहीं, आरम्भ हूँ,…

Continue Readingहिंदी कविता मैं लिखता रहूंगा | Kavita Mai Likhta Rahunga

बहन के लिए कविता | Bahan Ke Liye Kavita

आप पढ़ रहे हैं बहन के लिए कविता :- बहन के लिए कविता बहन तो गुड़िया है मेरी, ओर मम्मी पापा है जान। मज़ाक मस्ती खूब वो करती, है उसका भय्या ही अभिमान। उसकी हर सुख दुःख खातिर, निछावर रहती हैं जान। बहन तो गुड़िया है मेरी, उसको भय्या का…

Continue Readingबहन के लिए कविता | Bahan Ke Liye Kavita