हिंदी प्याला के हिंदी कविता संग्रह में पढ़िए :-
माँ पर कविताएं , प्रकृति पर कविताएं , शिक्षक दिवस पर कविताएं , माँ पर कविता हिंदी में , गुरु पर कविताएं , पेड़ पर कविताएं , नारी पर कविताएं , महिलाओं पर कविताएं , पानी पर कविताएं , बादल पर कविताएं , बहन पर कविता इन हिंदी , पर्यावरण पर कविता इन हिंदी , सैनिक पर कविता इन हिंदी 15 अगस्त पर कविताएं , अनुशासन पर कविताएं , खुशी पर कविताएं , गांधी पर कविताएं , गरीबी पर कविताएं , घड़ी पर कविताएं , चाँद पर कविताएं , जिंदगी पर कविताएं , जन्मदिन पर कविताएं , जल पर कविताएं , देशभक्ति पर कविताएं , नदी पर कविताएं , भारत पर कविताएं , रक्षाबंधन पर कविताएं , रिश्तों पर कविताएं , शहीदों पर कविताएं , शिक्षा पर कविताएं , स्वच्छता पर कविताएं , गुरु पर कविता हिंदी में , वसंत पर कविता हिंदी में , पर्यावरण पर कविता हिंदी में , राम पर कविताएं

कविता नई स्त्री की खोज | Kavita Nayi Stree Ki Khoj

आप पढ़ रहे हैं कविता नई स्त्री की खोज :- कविता नई स्त्री की खोज सुनो स्त्रियों! हां ! तुम्ही से कुछ कहना है मुझे। ईश्वर ने चुना तुम्हें परीक्षा के लिए। उतरती रहीं खरी.. हर परीक्षा में तुम। धैर्य, दुख, शोषण, पीढ़ा अस्तित्व रहित रहकर भी जिया जीवन... आत्महत्या…

Continue Readingकविता नई स्त्री की खोज | Kavita Nayi Stree Ki Khoj

एसिड अटैक पर कविता | Acid Attack Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं एसिड अटैक पर कविता :- एसिड अटैक पर कविता क्यों किया तुमने ऐसा? झुलस गया मेरा चेहरा, तड़प उठी में राहों में.. फुल सा तन कुम्हला ही गया। सुंदरता दागी कर दी.. मेरी बर्बादी कर दी, कोसती हूं अब हर वो घड़ी.. वहशी जब तेरी नजर…

Continue Readingएसिड अटैक पर कविता | Acid Attack Par Kavita

हिंदी कविता धूमकेतु | Hindi Kavita Dhoomketu

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता धूमकेतु :- हिंदी कविता धूमकेतु आज.. तुम्हारे ही बारे में कुछ कहना है मुझे। जाज्वल्यमान, तेजस्वी पुंज से तुम... जब भी आते हो .. ब्रह्मांड की सैर करने, सूर्य की परिक्रमा लगा... अपने भीतर व्याप्त निराशाओं का दमन कर आशा का संचार करते हो।…

Continue Readingहिंदी कविता धूमकेतु | Hindi Kavita Dhoomketu

स्त्री पर हिंदी कविता :- स्त्रियों ने रोपा है बीज | Stree Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं स्त्री पर हिंदी कविता :- स्त्री पर हिंदी कविता सुनो! कुछ स्त्रियों ने रोपा है बीज.... हंसी का, उदासी की खाद में अश्कों की नमी मिला... गाड़ दिया है धरती में सदा के लिए। खुलकर हंसने के लिए उन्होंने ..... चुना है यह रास्ता.... ‌ क्योंकि…

Continue Readingस्त्री पर हिंदी कविता :- स्त्रियों ने रोपा है बीज | Stree Par Kavita

हिंदी कविता मेरे जाने के बाद | Kavita Mere Jaane Ke Baad

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता मेरे जाने के बाद "- हिंदी कविता मेरे जाने के बाद बिखेर दिया है खुद को इस कदर मैंने ….. कि …. मैं ना मिल पाऊं गर तुम्हे … तो ढूंढ लेना मुझे …. मेरे गीतों और रचनाओं में। तुम पर प्रेम छलकाती…. कभी…

Continue Readingहिंदी कविता मेरे जाने के बाद | Kavita Mere Jaane Ke Baad

कविताएं साथ चलती हैं | Kavitayen Sath Chalti Hain

आप पढ़ रहे हैं कविता " कविताएं साथ चलती हैं " कविताएं साथ चलती हैं अकेले ... रहने नहीं देती , साथ चलती हैं। निशब्द संवेदनाओं की अभिव्यक्ति का.... संवाद बनती हैं। कलम में ताकत भर, स्मृतियों की आवाज बनती है। अंतर्मन के शोर को.. बाहर लाने के लिए एकांत…

Continue Readingकविताएं साथ चलती हैं | Kavitayen Sath Chalti Hain

हिंदी कविता अलौकिक सौंदर्य | Kavita Alaukik Saundarya

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता अलौकिक सौंदर्य :- हिंदी कविता अलौकिक सौंदर्य लाल सुनहरा सूरज जब.. अपना प्रकाश फैलाता है, सोयी धरती को जैसे.. कोई चादर खींच उठाता है। कितनी सुंदर दिखती धरती... आंखें मल -मल कर जब जागती है, चिड़िया कानों में खुसफुसा कर .. अरे उठो! सवेरा…

Continue Readingहिंदी कविता अलौकिक सौंदर्य | Kavita Alaukik Saundarya

हिंदी कविता अपेक्षा और उपेक्षा | Apeksha Aur Upeksha

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता अपेक्षा और उपेक्षा :- हिंदी कविता अपेक्षा और उपेक्षा अपेक्षाएं पांव फैलाती हैं... जमाती हैं अधिकार, दुखों की जननी का हैं एक अनोखा.... संसार। जब नहीं प्राप्त कर पाती सम्मान, बढ़ जाता है क्रोध... आरम्पार, दुख कहकर नहीं आता.. बस आ जाता है पांव…

Continue Readingहिंदी कविता अपेक्षा और उपेक्षा | Apeksha Aur Upeksha

विरह वेदना पर कविता | Virah Vedna Par Kavita

विरह वेदना पर कविता - आदरणीय मित्रों ! हमारे अन्तर्मन में जब भी कोई पीड़ा पलने लगती है , तो उसी प्रसव वेदना से कविता का प्रादुर्भाव होने लगता है । प्रस्तुत रचना में कुछ इन्हीं भाव स्थलों का चित्रण किया गया है । विरह वेदना पर कविता जब जब…

Continue Readingविरह वेदना पर कविता | Virah Vedna Par Kavita

विरह गीत :- कोयलिया गीत सुनाती है | Virah Geet

आप पढ़ रहे हैं विरह गीत "कोयलिया गीत सुनाती है" :- विरह गीत कोयलिया गीत सुनाती है, कोयलिया गीत सुनाती है। गीत के गुन्जन से रग रग में विष सा छाती है। कोयलिया गीत...... प्रथम बार का मिलन आज , यादों में फिर है आया । स्वर्णिम पल जो बीत…

Continue Readingविरह गीत :- कोयलिया गीत सुनाती है | Virah Geet

फैशन पर कविता | Fashion Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं फैशन पर कविता :- फैशन पर कविता वाह वाह क्या है? फैशन का मेला। गुरु गुड़ रह गया, शक्कर बन गया चेला। फैशन है बाजार का, नया पैंतरा व झांसा। किसी को भी इसने,नही छोड़ा सबको फांसा। बिगड़ी का नाम है फैशन। यह पैदा करती है…

Continue Readingफैशन पर कविता | Fashion Par Kavita

पराजय को न करना स्वीकार | Parajay Ko Na Karna Sweekar

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता पराजय को न करना स्वीकार :- पराजय को न करना स्वीकार भले मार्ग में बाधाएं हो अनेक पराजय को न करना स्वीकार। सही दिशा का करना चयन पूर्व की त्रुटियों में करके सुधार।। आग की लपटें जो रोके तुझे स्वागत करना उसका हंसकर। बस…

Continue Readingपराजय को न करना स्वीकार | Parajay Ko Na Karna Sweekar