हिंदी प्याला के हिंदी कविता संग्रह में पढ़िए :-
माँ पर कविताएं , प्रकृति पर कविताएं , शिक्षक दिवस पर कविताएं , माँ पर कविता हिंदी में , गुरु पर कविताएं , पेड़ पर कविताएं , नारी पर कविताएं , महिलाओं पर कविताएं , पानी पर कविताएं , बादल पर कविताएं , बहन पर कविता इन हिंदी , पर्यावरण पर कविता इन हिंदी , सैनिक पर कविता इन हिंदी 15 अगस्त पर कविताएं , अनुशासन पर कविताएं , खुशी पर कविताएं , गांधी पर कविताएं , गरीबी पर कविताएं , घड़ी पर कविताएं , चाँद पर कविताएं , जिंदगी पर कविताएं , जन्मदिन पर कविताएं , जल पर कविताएं , देशभक्ति पर कविताएं , नदी पर कविताएं , भारत पर कविताएं , रक्षाबंधन पर कविताएं , रिश्तों पर कविताएं , शहीदों पर कविताएं , शिक्षा पर कविताएं , स्वच्छता पर कविताएं , गुरु पर कविता हिंदी में , वसंत पर कविता हिंदी में , पर्यावरण पर कविता हिंदी में , राम पर कविताएं

मन में मधुमास आ गया हिंदी कविता

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता मन में मधुमास आ गया :- मन में मधुमास आ गया मेरे उर अन्तस्थल को, जब से स्नेह मिला है तेरा । पतझड़ से नीरस मन में मधुमास आ गया। बिखर रहीं थीं मन की लड़ियाँ , तुमनें उन्हें पिरो डाली । जिससे पहुँचूं…

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स्वच्छता पर कविता :- भारत को स्वच्छ बनायें | Swachata Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं ( Swachata Par Kavita ) स्वच्छता पर कविता "भारत को स्वच्छ बनायें" :- स्वच्छता पर कविता आओ मिलकर , भारत को स्वच्छ बनायें । गाँव प्रदेश देश को अपने , श्रम प्रकाश से चमकायें ।। शहरों गाँवों की गलियों में , प्रायः गन्दगी भरी रहती ।…

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हिंदी कविता निशा सुन्दरी | Hindi Kavita Nisha Sundari

प्रस्तुत हिंदी कविता निशा सुन्दरी में "निशा और चाँद " अर्थात् रात और चन्द्रमा के प्रेममय दृश्य का चित्रण किया गया है। हिंदी कविता निशा सुन्दरी भूख मिटाने की आशा में , जो दिन भर दौड़ा करते । पर्याप्त धनार्जन करनें को, दिन भर श्रमरत रहते ।।1।। विश्राम मिलेगा उनको…

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बचपन की यादें पर कविता :- वो दिन भी क्या खूब सुहाने थे

आप पढ़ रहे हैं बचपन की यादें पर कविता भाग - 2 , प्रस्तुत कविता में ग्रामीण अँचल में व्यतीत हुई बाल्यावस्था का चित्रण किया गया है :- बचपन की यादें पर कविता वो दिन भी क्या खूब सुहाने थे, जब मिट्टी से खेला करते थे । माँ की घुड़कन,…

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बचपन की यादें पर कविता :- भूल गया था अपना बचपन

आप पढ़ रहे हैं बचपन की यादें पर कविता भाग -1 , प्रस्तुत कविता में बचपन के "शैशवावस्था" का चित्रण किया गया है :- बचपन की यादें पर कविता भूल गया था अपना बचपन, ना जानें मित्रों ! कब का । पड़ी नजर जब अपने शिशु पर, मेरा बचपन आ…

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गृहिणी पर कविता :- आसान कहाँ था गृहिणी होना

घर को स्वर्ग बनाने वाली गृहिणी पर कविता :- गृहिणी पर कविता चलती कलम छोड़ झाडू घसीटना, दूध की मलाई खाना छोड़ मक्खन के लिये बचत करना, दुपट्टे से उम्र के सम्बंध जोड़ना कभी साड़ी में घसीटना। कभी चुनरी खीसकने से संभालना, किताबें छोड़, गृहस्थी पढ़ना, एक एक फुल्का गोल…

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पापा पर कविता :- जिनके हम बच्चे है | Papa Par Kavtia

आप पढ़ रहे हैं पापा पर कविता :- पापा पर कविता जिनके हम बच्चे है, वो कितने अच्छे है। मेरा अभिमान है पापा जी, मेरा स्वाभिमान है पापा जी, मेरे लिए मेरा आसमान है पापा जी, मेरी तो पहचान है पापा जी। हर गलती में थोड़ा सा डांटते है, ये…

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हिंदी कविता प्रेम कलश | Hindi Kavita Prem Kalash

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता प्रेम कलश :- हिंदी कविता प्रेम कलश प्रेम कलश ( प्रथम सर्ग -- प्रस्तावना ) प्राक्कथन -- " प्रेम कलश " शीर्षक की रचना , कल्पना जगत के आकाश से प्राप्त प्रेम कलश नामक कलश से उत्पन्न हुई है । प्रेम कलश की प्रेम…

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हिंदी कविता काल चक्र | Hindi Kavita Kaal Chakra

सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड काल चक्र से निर्मित एवं संचालित है ।सभी चर अचर काल चक्र के नियमानुसार गतिमान हैं । ब्रह्माण्ड में जड़,चेतन सभी का जीवन एवं सभी की गतिविधियाँ काल चक्र पर ही आधारित हैं। इन्हीं भावनाओं को प्रदर्शित करती हुई एक संक्षिप्त रचना " हिंदी कविता काल चक्र "…

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पिता के लिए कविता :- वह पिता हमारा | Pita Ke Liye Kavita

पुत्र के सम्बन्ध में माता का महत्व क्या होता है , इस पर बहुत कुछ लिखा गया और रचना की गई है। परन्तु पुत्र के सम्बन्ध में पिता का क्या महत्व है, इसे दर्शाती एक छोटी सी रचना " पिता के लिए कविता " प्रस्तुत है :- पिता के लिए…

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बदलते समय पर कविता :- समय का पहिया घूम रहा है

बदलते समय पर कविता :- वृद्धाश्रम जाने से पहले एक वृद्ध माँ-बाप उसके बच्चे के बीच के वार्तालाप पर कविता, बड़ी पीड़ा होती है वृद्धाश्रम देखकर, पर अगर ये वृद्धाश्रम ना होते तो? बदलते समय पर कविता समय का पहिया घूम रहा है, बदल रहे सब लोग,आपस का सब घटा…

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नवरात्रि पर कविता :- नवरात्रि की देखो बहार | Navratri Kavita

आप पढ़ रहे हैं ( Navratri Kavita In Hindi ) नवरात्रि पर कविता "नवरात्रि की देखो बहार" नवरात्रि पर कविता नवरात्रि की देखो बहार मैया जी बड़ी प्यारी लगे।। हो हो ओढ़ी चुनरिया लाल मैया जी बड़ी प्यारी लगे। माथे की बिंदिया चम चम चमके नाक नथनिया दम दम दमके।…

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