हिंदी प्याला के हिंदी कविता संग्रह में पढ़िए :-
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स्त्री पर कविता :- उड़ना चाहती थी | Stree Par Kavita

स्त्री पर कविता स्त्री के प्रति हमारे समाज में बहुत पुरातन समय से यह धारणा चली आती रही है कि वो कभी भी पुरुष की बराबरी नहीं कर सकती। स्त्री की इसी व्यथा को बयान कर रही है यह स्त्री पर कविता :- Stree Par Kavitaस्त्री पर कविता उड़ना चाहती…

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पावस ऋतु पर कविता :- श्यामल काली घटा | Pavas Ritu Par Kavita

बारिश की रिमझिम बूंदों के दृश्य का वर्णन करती पावस ऋतु पर कविता " श्यामल काली घटा " :- पावस ऋतु पर कविता मैं देख दंग रह गया छवि छटा! नीलनभ में श्यामल काली घटा!! मानो वह वर्षासुन्दरी की आँखो की हो काजल ! उसे देख मन मेरा हो रहा…

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वतन पर कविता :- ये है मेरा वतन | Watan Par Kavita

देश प्रेम की भावना से ओत-प्रोत वतन पर कविता " ये है मेरा वतन " :- वतन पर कविता ये है मेरा वतन मेरा गंगा जमन। ये देश है गौतम गांधी काये देश है नेहरू शास्त्री कायहाँ तिरंगा प्यारा हैयहाँ गंग जमुन की धारा हैमेरा तन मन मेरा है जीवन।…

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हिंदी कविता इक प्रार्थना :- तुझे मनाने आई हूँ

कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर भगवान कृष्ण से आशीर्वाद प्राप्त करने की अभिलाषा से लिखी गयी ( Hindi Kavita Ik Prarthna ) हिंदी कविता इक प्रार्थना हिंदी कविता इक प्रार्थना कान्हा तेरे जन्मदिन की बधाई तुझे बारम्बार देती हूँ, मुश्किलों में संभाला तूने दुहाई इसकी देती हूँ। स्नेह के…

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चिड़िया पर हिंदी कविता :- चिड़िया रानी | Chidiya Par Kavita

सुबह-सुबह चहचहाने वाले और उड़ कर दाने की तलाश में जाने वाली चिड़िया पर हिंदी कविता :- चिड़िया पर हिंदी कविता चिड़िया रानी चिड़िया रानी डाल डाल पर जाती हो सूरज की सुबह लाली में मधुर तान सुनाकर सबको रोज जगाती हो। खूब करती मेहनत, जीवन पथ पर अथक बढ़ती…

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हिंदी कविता कौन थी वो :- प्रशांत त्रिपाठी द्वारा रचित कविता

किसी खास की याद में हिंदी कविता कौन थी वो :- हिंदी कविता कौन थी वो कौन थी वो जो मुस्कुरा के चली गई, मेरे दिल में प्रीत की आश जगा के चली गई। जैसे पके फल को देखकर आता है मुंह में पानी, वैसे ही मुझे इमली दिखा के…

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जिंदगी की कविता :- लौट आ मेरी ज़िन्दगी | Zindagi Ki Kavita

उदास हो चुकी जिंदगी को फिर से मानाने की कोशिश की कविता " जिंदगी की कविता " जिंदगी की कविता लौट आ मेरी ज़िन्दगी तू कहीं से तन्हाई का दामन तोड़ते हुए, हवा के झोंकों के साथ फिर से मुझे तारों ताजा कर दें, मुरझा गई है जिंदगी सूखे गुलाब…

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शब्द पर हिंदी कविता :- क्योंकि मैं शब्द हूँ

अपना परिचय देते हुए शब्द पर हिंदी कविता :- शब्द पर हिंदी कविता हांँ मैं भ्रष्ट हूँ ऊंची नीची अनुभव की डगर पर चलती हूँ कभी गिरती हूँ कभी फिसलती हूँ मन के भावों को टटोलती हूँ अनायास ही कुछ विचार कुछ तर्क कुछ बहस मुझे स्पर्श कर लेते हैं…

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गौरैया दिवस पर कविता :- कहां गए ओ पंछी प्यारे | Gauraiya Par Kavita

बचपन में आप में से कई लोगों के घे में गौरैया ने घर जरूर बनाया होगा। गाँव में तो ये आम ही देखने को मिल जाती थीं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इनका दिखना कम हो गया है। इसीलिए इन्हें बचाने और इनके प्रति इंसानों को जागरूक करने के लिए…

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मानवता पर कविता :- आदिमानव ही अच्छा था

आज का इन्सान बहुत स्वार्थी और लोभी हो गया है। इस से अच्छा तो पहले का आदिमानव था। कैसे? आइये जानते हैं इस मानवता पर कविता में :- मानवता पर कविता न किसी से शिकायत थी ना किसी से द्वेष था, खुशियों भरी जिंदगी थी खुशियों का परिवेश था। चलते…

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नारी सम्मान पर कविता Nari Samman Par Kavita | Women Empowerment

Nari Samman Par Kavita हमारे समाज में नारी को किस नजर से देखा जाता है इसी विषय पर आधारित है यह नारी सम्मान पर कविता :- Nari Samman Par Kavitaनारी सम्मान पर कविता नारी सम्मान का पाठकब हम जीवन कीपुस्तक में लाएंगे,होता रहा जो सदियों से अब तकउसे क्या कभी…

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राम मंदिर पर हिंदी कविता :- चलो करें स्वागत

भगवान राम के अयोध्या आगमन पर उनका स्वागत करने के लिए प्रस्तुत है एक भक्तिमय कविता। राम मंदिर पर हिंदी कविता "चलो करें स्वागत" :- राम मंदिर पर हिंदी कविता चलो करें स्वागत आरती सजालो कि दीप जला लो। श्री राम जी चले आरहे हैं । राम जी चले आरहे…

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