हिंदी प्याला के हिंदी कविता संग्रह में पढ़िए :-
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हिंदी कविता हूँ मैं बेशरम | Hindi Kavita Main Hun Besharam

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता मैं बेशरम हूँ :- हिंदी कविता हूँ मैं बेशरम यूँ तो हम बेशरम ना थे मगर जमाने वालो ने हमें बनाया अगर अपनो के लिए आवाज उठाने से होता है बेशरम तो हाँ हूँ मैं बेशरम ।। अपने अधिकार के लिए लड़ने से होता…

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गंगा नदी पर कविता :- माँ गंगा | Poem On Ganga River Hindi

Poem On Ganga River In Hindi - धरती को अपे जल से पवित्र करती भागीरथी पर कविता , गंगा नदी पर कविता :- Poem On Ganga River In Hindi गंगा नदी पर कविता प्रचीन गौरवमयी अविरल धारा बहती ।। स्वर्ग , धरती ओर पाताल मे ।। माँ गंगा नाम से…

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हिंदी कविता जंग जीतना चाहते हैं | Jung Jeetna Chahte Hain

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता जंग जीतना चाहते हैं :- हिंदी कविता जंग जीतना चाहते हैं हर जंग जीतना चाहते हैं हम हर इम्तिहान में उतरना चाहते हैं हम । जो बस हम चाहें वो पा सकें, बस यही सीखना चाहते हैं हम। काश ! कोई सिखा दे मुझे…

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कविता गीत पटल के गाऊंगा | Kavita Geet Patal Ke

हिंदी कविता गीत पटल के गाऊंगा नाम पटल के सारा जीवन इक दिन मैं कर जाऊंगा, जब तक साँस चलेगी मेरी गीत पटल के गाऊंगा। फीकी फीकी सी लगती है चेहरे की लाली मेरी, धुंधलाया है दिन दिन में भी रातें बन गयी काली मेरी, कैसी है तकदीर ये मेरी…

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हिंदी कविता श्रृंगार | Hindi Kavita Shringar

हिंदी कविता श्रृंगार   "ना बाल बनाई , मैं काजल लगाई ना लाली लगाई , ना बिंदिया लगाई फिर भी झलकती है, तुझ में चांदनी क्योंकि तुझ में है ख्वाहिशों की रोशनी " "दर्पण भी है तेरे आगे फीका क्योंकि तूने पहन रखा है आशाओं का जोगा" "यह काजल, यह…

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हिंदी कविता गांव पर :- हर गांव हर शहर से अच्छा

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता गांव पर :- हिंदी कविता गांव पर हर गांव हर शहर से अच्छा सुविधा कम सही जीवन तो अच्छा। शुद्ध व्यंजनों का भोग करते न कभी कठिनाई से डरते। भाईचारे से हम सब रहते बाल्यकाल से यही सिखाते। चहूँ दिशा प्रकृति का श्रृंगार निराला…

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हिंदी कविता वफादार मनकू | ब्राह्मणी और नेवला पंचतंत्र पद्य कथा

पंचतंत्र की कहानी ब्राह्मणी और नेवला की कविता रूप में प्रस्तुति हिंदी कविता वफादार मनकू में :- हिंदी कविता वफादार मनकू बहुत समय पहले रहता था एक गाँव में पंडित, राजसभा में अपने गुण से था वह महिमा - मंडित। १। गुजर रहा था एक बार वह जब जंगल से…

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हिंदी कविता चाँद से फरियाद | Hindi Kavita Chand Se Fariyaad

चाँद से एक प्यारी सी बातचीत पर हिंदी कविता चाँद से फरियाद :- हिंदी कविता चाँद से फरियाद ऐ चाँद इतना भी न अब तू इतरा। ऐसा तो नहीं,तुझ पर कोई नहीं उतरा। चल जिद छोड़,और आने दे अब हमें ताकि पहना सकें तुझे,तिरंगे का सेहरा। क्या चाहता है हमसे,जरा…

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तेरी याद में कविता | Teri Yaad Me Kavita

तेरी याद में कविता तेरी याद में साँसें दबी दबी सी अरमाँ कुछ कम हैं। दिल के दर्द में आज धड़कन गुमशुम हैं। रोती रही जमीं मगर न बरसा आसमाँ। तेरी याद में हमदम मेरी आंखें नम है। मुझको गयी तू छोड़कर जबसे ऐ जानेजां। तेरे प्यार में अब तो…

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प्यार की कविता हिंदी में :- पाई जब इक झलक तेरी

प्यार की कविता हिंदी में पाई जब इक झलक तेरी दीवाना मैं उस पल हुआ हूँ। देख तेरी सादगी फिर मैं तो तेरा कायल हुआ हूँ। सुकून नहीं न करार मुझे तेरे खयालों में ही डूबा रहूँ। जब से देखा ये चेहरा तेरा मैं तो तबसे घायल हुआ हूँ। तेरे…

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फाल्गुन पर कविता :- फागुन महीना आया

मनहरण घनाक्षरी में लिखी हरीश चमोली जी की ( Fagun Maheene Par Kavita ) फाल्गुन पर कविता "फागुन महीना आया" :- फाल्गुन पर कविता फागुन महीना आया होली भी है साथ लाया झूम-झूम सब मिल खुशियां मनाइये। गुब्बारे में रंग भर गिलास में भंग भर यहां-वहां घूम फिर गुलाल उड़ाइये।…

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हिंदी कविता खुद को पहचानो | Kavita Khud Ko Pahchano

आप पढ़ रहे हैं हरीश चमोली जी द्वारा रचित ( Hindi Kavita Khud Ko Pahchano ) हिंदी कविता खुद को पहचानो :- हिंदी कविता खुद को पहचानो दिल में छिपी तमस को तुम, खुद से जरा हटाकर तो देखो। फितूर अपने मस्तिष्क का, पुष्प सा महकाकर तो देखो। जीवनदाता परमेश्वर…

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