हिंदी प्याला के हिंदी कविता संग्रह में पढ़िए :-
माँ पर कविताएं , प्रकृति पर कविताएं , शिक्षक दिवस पर कविताएं , माँ पर कविता हिंदी में , गुरु पर कविताएं , पेड़ पर कविताएं , नारी पर कविताएं , महिलाओं पर कविताएं , पानी पर कविताएं , बादल पर कविताएं , बहन पर कविता इन हिंदी , पर्यावरण पर कविता इन हिंदी , सैनिक पर कविता इन हिंदी 15 अगस्त पर कविताएं , अनुशासन पर कविताएं , खुशी पर कविताएं , गांधी पर कविताएं , गरीबी पर कविताएं , घड़ी पर कविताएं , चाँद पर कविताएं , जिंदगी पर कविताएं , जन्मदिन पर कविताएं , जल पर कविताएं , देशभक्ति पर कविताएं , नदी पर कविताएं , भारत पर कविताएं , रक्षाबंधन पर कविताएं , रिश्तों पर कविताएं , शहीदों पर कविताएं , शिक्षा पर कविताएं , स्वच्छता पर कविताएं , गुरु पर कविता हिंदी में , वसंत पर कविता हिंदी में , पर्यावरण पर कविता हिंदी में , राम पर कविताएं

ऋतुओं पर कविता | Rituon Par Hindi Kavita

आप पढ़ रहे हैं ऋतुओं पर कविता :- ऋतुओं पर कविता जीवन का हर एक क्षण नहीं होता है एक समान। कभी होता है हरा भरा कभी होता है रेगिस्तान।। प्रकृति भी अपने मौसम समय के बाद बदलती हैं। जब सर्दी आती जीवन में मानव की एक न चलती है।।…

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कन्या भ्रूण हत्या पर कविता | Kanya Bhrun Hatya Par Sad Kavita

आप पढ़ रहे हैं कन्या भ्रूण हत्या पर कविता :- कन्या भ्रूण हत्या पर कविता माँ मुझे भी जीने की लालसा है!मेरी भी कुछ अभिलाषा है! मैं भी नभ के तारे बन चाहती हूँ दमकना!मैं भी सूरज बन नभ में चाहती हूँ चमकना! मुक्तगगन में पंख लगाकर उड़ना चाहती हूँ!माँ…

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पढ़ाई पर बाल कविता | Padhai Par Bal Kavita

आप पढ़ रहे हैं पढ़ाई पर बाल कविता :- पढ़ाई पर बाल कविता देखो मां घर के बाहर आया है कोई खिलौने वाला। पास है उसके तीर धनुष और रंगीन मोतियों की माला।। डमरू डम डम बजने वाली बंदूक लिए खड़ा है सिपाही। मुझको कागज कलम भायी यही सफल जीवन…

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कोरोना पर हिंदी में कविता | Kavita Corona Par

आप पढ़ रहे हैं कोरोना पर हिंदी में कविता :- कोरोना पर हिंदी में कविता कोरोना ने मानव जीवन और प्रकृति में मचाया है हाहाकार। समय की मांग के कारण सबने घर में रहना किया है स्वीकार।। हंसता खेलता हुआ जीवन कुछ दिन में ही लुप्त हुआ। अदृश्य शत्रु बनकर…

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ईमानदारी पर कविता | Poem On Honesty In Hindi | Imandari Par Kavita

Poem On Honesty In Hindi आप पढ़ रहे हैं ईमानदारी पर कविता :- Poem On Honesty In Hindiईमानदारी पर कविता जीवन की विपरीत घड़ी मेंनहीं छोड़ना तुम ईमानदारी।वसुधा को स्वर्ग बनाने कीहै हम सभी की जिम्मेदारी।। जीवन में जिस मानव नेईमानदारी का वस्त्र पहना।ईश्वर ने उसे प्रसन्न होकरदिया सफलता का…

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पिता को समर्पित कविता । Pita Ko Samarpit Kavita

आप पढ़ रहे है पिता को समर्पित कविता :- पिता को समर्पित कविता कंधों पर अपने मुझे बिठाकर अंजान जगत से मुझे मिलाया। मेरी मूक बातों को समझकर उर में मेरे प्रेम का पुष्प खिलाया।। अपनी इच्छाओं को भूलकर मुझे सुख सुविधाएं किए प्रदान। मेरी नन्ही सी जिद के कारण…

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Prakriti Par Kavita प्रकृति पर कविता Beautiful Poem On Nature

Prakriti Par Kavita आप पढ़ रहे प्रकृति पर कविता :- Prakriti Par Kavitaप्रकृति पर कविता रंग बिरंगे धरा पे फूल खिले हैंप्रतीत हुआ आ गया है सावन।हरियाली के वस्त्र पहन प्रकृतिकल तक जो थी रेगिस्तान।। तितलियां सभी प्रफुल्ल होकरमनमुग्ध हो उड़ी नील गगन में।विपरीत परिस्थितियों में भी वहखोज लेती खुशियां…

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हिंदी कविता उर के दीप | Hindi Kavita Ur Ke Deep

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता उर के दीप :- हिंदी कविता उर के दीप कांटों को क्या कहना, हमें तो फूलों से डर लगता है, काँटे मजबूत बनाते हैं , फूल तो पल भर में सूख जाते हैं, भले ही वो शोभा बढ़ाते हैं, पर पल भर का ही…

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माता पिता का दर्द कविता | Mata Pita Ka Dard Kavita

माता पिता का दर्द कविता ( Mata Pita Ka Dard Kavita ) बयां कर रही है उन माता-पिता के दर्द को जिनके बेटे उन्हें छोड़ कर विदेशों में जा बसे हैं। अब उके द्वारा माँ-बाप की कोई खबर नहीं ली जा रही। कैसी है उनकी व्यथा आइये पढ़ते हैं इस…

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ध्वजा तो मंदिर में लहराती है सदा | Dhwaja To Mandir Me

आप पढ़ रहे हैं ध्वजा तो मंदिर में लहराती है सदा :- ध्वजा तो मंदिर में लहराती है सदा हवाओं ने रुख बदली, सितारों ने चाल बदली। मगर ध्रुव तो अटल रहता हैं अंबर पे सदा। समुंद्र ने किनारे बदले, तूफानों ने लहरें बदली। मगर जल तो जीवन- प्राण रहता…

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Poem On Brother In Hindi | भाई पर कविता हिंदी में | Bhai Par Kavita

Poem On Brother In Hindi - आप पढ़ रहे हैं भाई पर कविता हिंदी में " जिसको हम सब कहते भाई " :- Poem On Brother In Hindiभाई पर कविता एक अनोखा है संसार मेंजिसको हम सब कहते भाई।कठिन परिश्रम करके वह तोअपने परिवार की करता भलाई।। कभी घन घोर अंधेरी…

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हिन्दी प्रेरक कविता | Hindi Prerak Kavita

आप पढ़ रहे हैं हिन्दी प्रेरक कविता :- हिन्दी प्रेरक कविता उड़ती हुई तितली ने कहा जीवन के पल बस है दो चार। मस्ती के संग जीवन जीना चिंताओं का तू न रखना भार।। कल की अनदेखी कल्पना में न खोना तुम अनमोल आज को। लोगो के अनुसार कभी भी…

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