हिंदी प्याला के हिंदी कविता संग्रह में पढ़िए :-
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प्यार का इजहार कविता | Pyar Ka Izhaar Kavita

आप पढ़ रहे हैं प्यार का इजहार कविता :- प्यार का इजहार कविता स्वतः प्यार की जैसे आहट मिली हो तुम्हे देखकर मुस्कुराहट मिली हो, हृदय में जली ज्योत ऐसे जतन की बड़ी खूबसूरत बनावट मिली हो। तनिक मान जाओ तो मैं भी मना लूं तेरे हुस्न पर शायरी गुनगुना…

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किसान पर हिंदी कविता :- किसान का दर्द बताती कविता

हर मौसम में बिना किसी छुट्टी के काम करने वाले किसान पर हिंदी कविता :- किसान पर हिंदी कविता ज्येठ की सुलगती अग्नि में हल लगाने को मजबूर हुआ, प्रताड़ित होकर आपदाओं से, स्वखुशियों से ही दूर हुआ। खून पसीना बहा-बहाकर,जो एक-एक पाई जुटाता है, फिर चुकाने कुछ सूत-ब्याज, वह…

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मजदूर पर कविता | Mazdoor Par Kavita

मजदूर पर कविता मजदूर के भाग्य का कैसा, विपुल दुर्भाग्य होता है। हजारों बँगले बनाकर स्वयं, फुटपाथ पर सोता है। कमाने चार आने जो, आप पसीने में ही नहाता है, वो ठिठुर-ठिठुर फुटपाथों पर, सारी ही रात रोता है। दाल मखनी और पनीर तो बस सपने में खाता है, हाँ…

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हिंदी कविता कोरोना पर | Hindi Kavita Corona Par

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता कोरोना पर :- हिंदी कविता कोरोना पर तुझे क्या कहूं ? बीमारी कहूं कि बहार कहूं? पीड़ा कहूं कि त्यौहार कहूं? संतुलन कहूं कि संहार कहूं? कहो तुझे क्या कहूं? मानव जो उदंड था पाप भी प्रचंड था, सामर्थ का घमंड था प्रकृति को…

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दीपावली पर कविता | Deepawali Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं दीपावली पर कविता :- दीपावली पर कविता दीप मालाएं जलाकर,अंधियारा है मिटाना। रीत जो आती रही है, इस तरह से ही निभाना। अगर मिट जाते नहीं अंतर्मनों से द्वेष सारे। व्यर्थ फिर दीपक जलाना,है उचित उनको बुझाना। क्यूँ जला देते सभी है,एक पुतला शौक में यूँ?…

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याद पर कविता :- अचानक याद उसकी आई | Yaad Par Kavita

आप पढ़ रहे हैं याद पर कविता :- याद पर कविता अचानक याद उसकी आई नादान दिल घबरा गया सावन में पवन का झोंका दिन में मुझको डरा गया ये हवा मजाक उड़ाती मेरा कहती है क्या हुआ इस बार कहां खो गए वह प्रेम के झूले और रंग-बिरंगे फूलो…

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हास्य कविता भाग्य की रेखा | Hasya Kavita Bhagya Ki Rekha

आप पढ़ रहे हैं हास्य कविता भाग्य की रेखा ( Hasya Kavita Bhagya Ki Rekha ) :- हास्य कविता भाग्य की रेखा मेले में हुए प्रथम दर्शन टिक्की खाते उसको देखा। सहसा उर से आयी आवाज यही है मेरे भाग्य की रेखा।। आंखो में बसी मासूमी थी मुख पर थी…

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Mera Bachpan Poem In Hindi | मेरा बचपन पर कविता | Mera Bachpan Par Kavita

Mera Bachpan Poem In Hindi आप पढ़ रहे हैं मेरा बचपन पर कविता :- Mera Bachpan Poem In Hindiमेरा बचपन पर कविता चलो तुम्हें ले चलता हूं मैंनन्हें से बचपन की ओर।मिलकर जहां सारे बच्चेजगाते थे मचाकर शोर।। मां की एक नहीं सुनते थेहम करते थे अपने मन की।हंसकर हम…

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सफलता के लिए प्रेरित करती कविता :- प्रखर धूप में भी चलता चल

सफलता के लिए प्रेरित करती कविता पथिक है अगर तू पथ का प्रखर धूप में भी चलता चल। विहग है अगर तू नभ का ज्ञानी-पंख लगाकर उड़ता चल।। भीड़ का हिस्सा न बनकर सफल ढाचे में ढलता चल। अतीत का किस्सा न बनकर वर्तमान में परिश्रम करता चल।। अगर मार्ग…

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प्रेरणादायक कविता भय का मुखौटा उतार | Prernadayak Kavita Bhay Ka Mukhauta Utaar

आप पढ़ रहे हैं प्रेरणादायक कविता भय का मुखौटा उतार :- प्रेरणादायक कविता भय का मुखौटा उतार भय का मुखौटा उतार कर धारण करो साहस की ज्वाला। किताबें पढ़कर बनो तुम ज्ञानी मिटाओ तम सा अज्ञान काला।। वास्तविकता में रहना सीखो किसी व्यक्ति की ना करो नकल। तुम जैसा नहीं…

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प्रेरणादायक बाल कविता नजरिया | Prernadayak Bal Kavita

आप पढ़ रहे हैं प्रेरणादायक बाल कविता नजरिया :- प्रेरणादायक बाल कविता नजरिया घोर तम छाया वसुधा पर जब भानू हुआ अदृश्य । कुछ क्षण में ही प्रकृति के लुप्त हुए सुनहरे दृश्य ।। पक्षियों को प्रतीत हुआ कि बहने वाली है तम की धारा । भानू ने है प्रकाश…

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बाल कविता नील गगन में | Bal Kavita Neel Gagan Me

बाल कविता नील गगन में भानू ने सुबह नील गगन में फैलाई अपनी जीवन लाली, प्रकृति ने पुनः पहने परिधान मुस्काई पौधों की कली निराली। प्रसून सभी पल भर में खिले जब व्यतीत हुई यामिनी काली, वृक्षों ने मृदुल वात बहाकर जिम्मेदारी पूरी जीवन की संभाली। मन मुग्ध होकर पत्ते…

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