हिंदी प्याला के हिंदी कविता संग्रह में पढ़िए :-
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विवाह पर हास्य कविता – बिन बुलाए मेहमान | Vivah Par Hasya Kavita

आप पढ़ रहे हैं रामबृक्ष कुमार जी द्वारा रचित विवाह पर हास्य कविता " बिन बुलाए मेहमान " विवाह पर हास्य कविता बड़े ठाठ से दावत खाने, पहुंचे गंगू भाईतन पर सूट बूट पांव में,टांग गले में टाई कभी घराती कभी बराती,ठन बन दौड़ मचातेठाट बाट से कौन पूछता,क्यों किसको…

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पन्ना धाय और पुत्र चंदन | Panna Dhai Aur Putra Chandan

पन्ना धाय और पुत्र चंदन - इतिहास में अमर है मेवाड़ के कुंवर उदय प्रताप ( महाराणा प्रताप )और पन्ना धाय की कहानी, मगर पन्ना के पुत्र चंदन की वेदना कोई न पढ़ सका। आप पढ़िए सरिता गर्ग 'सरि' जी की कलम से लिखी पन्ना पुत्र चंदन की कहानी और उसकी…

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एक सुंदर कविता – सुंदर हो जब चरित्र | Ek Sundar Kavita

एक सुंदर कविता - आप पढ़ रहे हैं बिमल काका गोलछा "हँसमुख" जी की एक सुंदर कविता " सुंदर हो जब चरित्र " एक सुंदर कविता चित्र से भी सुंदर हो जब चरित्र,धब्बा लगे ना, हो पावन पवित्र।सबके दिल बसे वो अलौकिक,ऐसा चरित्र जब मिलेगा सर्वत्र।। भवन भी सुंदर हो…

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हिंदी कविता रीति जगत की | Hindi Kavita Reeti Jagat Ki

आप पढ़ रहे हैं प्रियंका गौतम जी द्वारा रचित " हिंदी कविता रीति जगत की " :- हिंदी कविता रीति जगत की रीति जगत की जाने न कोई प्रेम की बाँसुरी पहुँचाने ना कोई नन्हें-नन्हें स्वप्न देख सोते जागते यहाँ सृष्टि की रीती जाने न कोई कभी कोई कहता , कभी जब है कहता मधुर चक्र निचोड़ सा, मोह में खोयें जब-जब सोचू , निर्मल-कोमल मोह है किसका माँ का प्यार अब जाने ना कोईरीती जगत की जाने न कोई रीति जाग की जाने ना कोई क्रोध मनुष्य मुख लज्जित सा हुए मैं की अभिलाषा कर प्रथम-प्रथम परिचित हैं देतादेख पुण्य प्रहार कर दुख भोगी हुईरुनझुन- रुनझुन  मन गीत के है पुकारे पर मानव आज अपनी परछाई को भी नकारें जाग की चिंता मुख़ पर हुए अजर अमर बनने की चाह मेंखुद को भूल है जाये पर,लोगों की भीड़ में आंखें बंद कर सो जाएं रीति जाग की जाने ना कोई  रीति जाग की जाने ना कोई प्रेम पाने की अभिलाषा कहा कलियुग में हुए त्याग कर खुशियों का हहकर है मचाए नीले नीले अम्बर पर एक दिन ख़ुद को अकेला हैं पाए मुझे चाहा बस है इतनी मेरी जय-जय कार  जगत में हुईं रीति जाग की जाने ना कोई  रीति जाग की जाने ना कोई ॥ पढ़िए :- बदलते रिश्तों पर कविता "आसमाँ में उड़ने लगे" रचनाकार का परिचय यह कविता हमें भेजी है प्रियंका गौतम जी ने दिल्ली से। “ प्रेरणादायक कविता…

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हिंदी कविता अंतरिक्ष | Hindi Kavita Antriksh

प्रस्तुत है रामबृक्ष कुमार जी द्वारा रचित " हिंदी कविता अंतरिक्ष " :- हिंदी कविता अंतरिक्ष आओ मन के अंतरिक्ष मेंसैर कर लें। चांद की शीतल प्रभाचित् में पिरोए आज हमशांत कर चित् चेतनाजगमग बनाए रात हम, बन बैरी तम के गमों सेबैर कर लें,आओ मन के अंतरिक्ष मेंसैर कर लें। सूर्य…

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हिंदी कविता बलात्कार | Hindi Kavita Balatkar

प्रस्तुत है चारू मित्तल जी द्वारा रचित हिंदी कविता बलात्कार :- हिंदी कविता बलात्कार ना जानी ना समझी,कुसूर मेरा,अपराध मेरा,मै तो थी मासूम कली।अपनी डाल पे मैं खिली।। कुछ सपने सतरंगी से,जो धनक मे भिगोते से थे।कुछ ख्वाब अधपके से,जो गालो पे लाली संजोते से थे।। अभी तो ना मोहब्बत…

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प्रेरणादायक कविता आईना | Prernadayak Kavita Aaina

Prernadayak Kavita Aaina - आप पढ़ रहे हैं प्रेरणादायक कविता आईना :- Prernadayak Kavita Aainaप्रेरणादायक कविता आईना खोजता है किसको क्षण क्षणढूढ़ता है किसको पल पल बह रही गर आंधी दुःख कीकष्ट का कंकड़ थपेड़ाछा रही है मंजिल पथ परधूल धूसितमय अंधेरा मानो मन का हीलता जड़टूटते हों स्वप्न साराकांपते…

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आम पर कविता | Mango Poem In Hindi | Aam Par Kavita

Mango Poem In Hindi - आप पढ़ रहे हैं रामबृक्ष कुमार जी द्वारा रचित " आम पर कविता " :- Mango Poem In Hindiआम पर कविता कहा आम तरबूजे सेसुन लो मेरी बातफलों का राजा आम मैंतेरी क्या औकात गांव शहर घर-घर में मेरीसबमें है पहचानबड़े शान से बच्चे बूढ़ेकरते…

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कविता हे जन्मदात्री | Kavita Hey Janmdatri

कविता हे जन्मदात्री हे जीवनदात्री ! हे जन्मदात्री!जिस प्रेम तथा ढृढ़ता के साथ तुमनेइस तुच्छ जीवन का सुधार किया है,वह अवर्णनीय है।तुम उस प्रकृति की तरह हो जोहमेशा हमे कुछ देने के लिए ही जानी जाती रही हो ।तुम्हारे समान कोई प्रिय हो ही नही सकता , इस विश्व पटल…

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बेटी पर कविता – मन की मार | Beti Par Kavita

प्रस्तुत है रामबृक्ष कुमार जी द्वारा रचित " बेटी पर कविता - मन की मार " :- बेटी पर कविता - मन की मार बन अभिशाप जगत में बेटीमैं छिप कर क्यों जीवन जीतीकिसे सुनाऊं कौन सुनेगा किससे दिल की बात कहूं मैं?कब तक मन की मार सहूं मैं? मुझसे…

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कविता मन की बात | Kavita Man Ki Baat

रामबृक्ष कुमार जी द्वारा रचित " कविता मन की बात " कविता मन की बात जहां चाहिए ढेरों लालसाढेरों याचना ढेरों उल्लासपर बैठे लोग दे रहे थेएक दूसरे को ढाढस दिलासा मात। सब दु:खी थेओंठो पर बिना लिए मुस्कानबैठकर एक साथकर रहे थे मन की बात। खूब कमाओ बना लोजिंदगी…

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हिंदी कविता बदलते रिश्ते | Hindi Kavita Badalte Rishte

कृष्णा राज जी द्वारा रचित हिंदी कविता बदलते रिश्ते :- हिंदी कविता बदलते रिश्ते तुम्हारी तो आदत ही थी सबसे मोहब्बत करने की..और हम पागल खुद को खुशनसीब समझने लगे.. मोहब्बत लिखने कीआदत थी हमारी भी..अब हर साँस के साथदर्द लिखने लगे.. क्या खूब सिला दियाअपना बना कर तुमने.जिंदगी की…

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