त्योहार पर कविताएं ( Tyohar Par Kavitayen ) में पढ़िए
होली ( Holi ) , दिवाली ( Diwali ) , दशहरा , नवरात्रि , राम नवमी , रक्षाबंधन , बसंत पंचमी , लोहड़ी ( Lohri ) , जन्माष्टमी , करवा चौथ , क्रिसमस ( Christmas ) , नव वर्ष आदि पर कविताएं
Poem On Festivals In Hindi ,
कृष्ण बाल लीला कविता कृष्ण बाल लीला कविता अब आन बसौ मोहन मन में,तेरी सूरत मन को भावत है। बचपन में तू जीवन की सबै,खूब लीला करत दिखावत है। ठुमकत चलत बजै पैजनिया,तन मन में प्रीति जगावत है। किलकारी मार हसत आगन,जग भर में सबै हसावत है। बचपन का तेरा रूप सलोना,चंचल…
रक्षाबंधन पर छोटी सी कविता रक्षाबंधन पर छोटी सी कविता रेशम का रक्षासूत्र उनकी कलाई में,जो निकल आये हैं घरों सेहाथों में लेकर छिड़काव मशीनहमारें गली मुहल्ला सड़क परसाफ सफाई के लिएताकि हम रह सकेंहर तरह की वायरल जनित वायरस से सुरक्षित, उनके लिए ,जोअपना परिवार छोड़करआ गए है हमलोगों…
रक्षाबंधन पर कविता रक्षाबंधन पर कविता मैं बहना ,भाई ना मेरे राखी बिकते प्यारे प्यारे राखी आते,मन भर जातेकिसे बांध मैं मन बहलाऊं,कैसे मैं त्योहार मनाऊं। प्रीत की बंधन के धागा कोबांध के टालूं हर बाधा कोकिस भाई को बांध कलाईरिश्तों में विश्वास जगाऊं,कैसे मैं त्योहार मनाऊं। मेरे भी गर भाई होतामैं राखी वह कंगन लाताथाली भर मैं प्यार सजाकर किस भाई पर प्यार लुटाऊं,कैसे मैं त्योहार मनाऊं। छोटा होता प्यार लुटातीआशीर्वाद बड़ा से पातीमीठे मधुर मिठास बढ़ा करकिसको विजया तिलक लगाऊं?कैसे मैं त्योहार मनाऊं। मात- पिता भाई में देखूं बांध गांठ रिस्तें को रख्खूंबिन भाई के जीवन कैसा?खुद को आज पराई पाऊं,कैसे मैं त्योहार मनाऊं। भाई का होना ना होना क्या कर सकती कोई बहनाखुद में खुद को भाई देखूं खुद को खूब मजबूत बनाऊं,अब ऐसे त्योहार मनाऊं। खुद भाई खुद बहना बनकरजीवन जी लूं आगे बढ़करमात पिता अपने में पाकरबेटी बेटा मैं बन जाऊं,अब ऐसे त्योहार मनाऊं। करुं अपेक्षा रक्षा का क्योंअबला से सबला हो ना क्योंइस अन्तर को मैं झुठलाकर खुद की रक्षा खूब कर पाऊं। अब ऐसे त्योहार मनाऊं। पढ़िए :- रक्षाबंधन को समर्पित शायरी संग्रह रचनाकार का परिचय यह कविता हमें भेजी है रामबृक्ष कुमार जी ने अम्बेडकर नगर से। “ रक्षाबंधन पर कविता ” ( Rakshabandhan Par Kavita ) आपको कैसी लगी ? “…
Holi Poem In Hindi - सुन्दर लाल डडसेना "मधुर" जी की होली पर कविता " समझ लेना होली है " Holi Poem In Hindiहोली पर कविता हर इंसान अपने रंग में रंगा होतो,समझ लेना होली है।हर रंग कुछ कहता ही है,हर रिश्ते में हँसी ठिठोली है। जीवन रंग महकाती,आनंद उमंग…
Deepon Ka Tyohar Diwali - आप पढ़ रहे हैं दीपों का त्यौहार दीवाली Deepon Ka Tyohar Diwaliदीपों का त्यौहार दीवाली त्यौहारों में खास दिवाली,बच्चों का आनंद दिवाली। रिश्ते नातों का मेल दीवाली,दीपों का त्यौहार दिवाली। खुशियों का गुब्बार दिवाली,सुंदरता की मान दिवाली। पटाखों का शौर दीवाली,दीपों का त्यौहार दिवाली। नवयोवना कि आश दिवाली,उल्लास…
Deepawali Par Kavita - आप पढ़ रहे हैं दीपावली पर कविता :- Deepawali Par Kavitaदीपावली पर कविता बन जुगनू जगमग कर जाएं।आओ मन का दीप जलाएं।। भेद भाव की छोड़ बुराईभर मन में अपने अच्छाई,दिल में जो अंधकार भरा हैदीपक दिल में बुझा पड़ा है, दिल से नफ़रत द्वेष मिटाएं।आओ मन का दीप जलाएं।। दीप जलाना एक बहानासाथ खड़े…
Kavita Rakhi Ka Tyohar आप पढ़ रहे हैं कविता राखी का त्यौहार :- कविता राखी का त्यौहार मन भावन सावन में आता, राखी का त्यौहार। सखियों संग झूला झूलती, ननद भौजाई बार-बार। सजा थाल बहना आती, बांधने राखी चमकदार।हुलसी हुलसी फिरती, पहन चुनरी लहरेदार। भैया के बांध राखी, करती है लाड प्यार। सब त्यौहारों मे खास…
Poem On Rakshabandhan In Hindi आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता रक्षाबंधन पर :- हिंदी कविता रक्षाबंधन पर सावन का महीना अब जाने वाला है।रक्षाबंधन का त्यौहार आने वाला है।। दिखेगी बाजार में रांखी रंगे-बिरंगे कच्चे डोर वाली।काले भालू, सोने, चांदी से जड़ित रेशम की तार वाली।। तब लेकर खुशियों की बहार लाएंगी।जब रक्षाबंधन का त्यौहार आएंगी।।…
Sawan Poem In Hindi - आप पढ़ रहे हैं सावन पर कविता :- Sawan Poem In Hindiसावन पर कविता सावन का मौसम आया है,बड़ा ही पावन है ये मौसमशिव शक्ति ने विवाह रचाया है हरजन शिव की महिमा गाता---मन मंदिर शिवाला बन जाता,दुख के बादल सब छट जाते---जब हरियाला सावन आता, सावन मनुहार सुनाता…
आप पढ़ रहे हैं कविता आया होली का त्योहार :- आया होली का त्योहार आया होली का त्योहार, लाया खुशियों का अंबार, प्रफुल्लित हो पूरा परिवार मजा आ जाएगा ।। तो कुछ हों रंग गुलाबी लाल, गाल पे रंग दूं तेरे गुलाल, ये मौका मिल जाए हर साल मज़ा आ…
आप पढ़ रहे हैं होलिका दहन पर कविता :- होलिका दहन पर कविता हर साल मुझकों जलाने का अर्थ क्या हुआ ?सोच से अपनें मेरें जैसे सामर्थ सा हुआँहाथ में मशाल वालों से पूछतीं हैं होलिकाजलाने का प्रयास मुझकों तेरा ब्यर्थ क्यों हुआ ? अपनें शान के अग्नि में ख़ुद…
आप पढ़ रहे हैं होली की कविता :- होली की कविता रंगो के इस मौसम में, कुछ रंग यू आकर बिखर गए। धरा में मानो चित्रकार की, चित्रकारिता प्रखर गए। कुछ लाल रंग की लालिमा में, प्रेम को अपने पा गए। कुछ हरे रंग के साथ अपनी, हरितिमा को लुभा…