जिंदगी पर कविताएं , जीवन पर कविता

Zindagi Kavita In Hindi , Jeevan Kavita Hindi

Hindi Kavita On Life , Hindi Poetry On Life , Hindi Poems On Life Struggle , Sad Poem In Hindi On Life

जीवन का सफर कविता | Jeevan Ka Safar Kavita

जीवन का सफर कविता - आप पढ़ने जा रहे हैं सदानन्द प्रसाद जी द्वारा रचित " जीवन का सफर " जीवन का सफर कविता कांटे भरा है पूरा रास्ता,कैसा है जीवन से वास्ता,जब पास नहीं रहे पैसा,जीवन का सफर है कैसा! बारिश में न बूंदें टपकी,किसी को न आई झपकी,भुखमरी…

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Bachpan Par Kavita | बचपन पर कविता

Bachpan Par Kavita - आप पढ़ रहे हैं कवि सदानन्द प्रसाद जी की द्वारा रचित बचपन पर कविता " बचपन का वो क्षण-क्षण " :- Bachpan Par Kavita बचपन का वो क्षण-क्षण,मेरा मन करता था टन-टन,याद आया गांव का कण-कण,आज खुश नहीं है तन-मन। खेलते थे संग वो दिन सखा,सोचकर…

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आधुनिक शिक्षा पर कविता | Adhunik Shiksha Par Kavita 

आधुनिक शिक्षा पर कविता | Adhunik Shiksha Par Kavita आधुनिक शिक्षा पर कविता शिक्षित से अच्छा अनपढ़ थाफिर भी शिक्षित से बढ़कर थाअपने अपनों का अपनापनसुशीतल मधुर सुधाकर था अब अनपढ़ से मैं शिक्षित हूंसंस्कारों से परिशिक्षित हूंफिर भी न जाने क्यूं खुद सेखुद ही खूब मैं लज्जित हूं …

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बदलते रिश्ते कविता | Badalte Rishte Kavita

पढ़िए रामबृक्ष कुमार जी की " बदलते रिश्ते कविता " बदलते रिश्ते कविता अब तो रिश्तों पर भरोसा न रहा रिश्तों का रंगअपनों के संग होते हैं गाढ़ेसदा के लिएन होते दुरंग न होंगेकभी भीन बदलेंगे ये बनते रिश्ते, ये पवित्रअनमोलसुवाचमजबूत भरोसे पर टिका रिश्ता न रहा,अब तो रिस्तों पर भरोसा…

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हिंदी कविता रीति जगत की | Hindi Kavita Reeti Jagat Ki

आप पढ़ रहे हैं प्रियंका गौतम जी द्वारा रचित " हिंदी कविता रीति जगत की " :- हिंदी कविता रीति जगत की रीति जगत की जाने न कोई प्रेम की बाँसुरी पहुँचाने ना कोई नन्हें-नन्हें स्वप्न देख सोते जागते यहाँ सृष्टि की रीती जाने न कोई कभी कोई कहता , कभी जब है कहता मधुर चक्र निचोड़ सा, मोह में खोयें जब-जब सोचू , निर्मल-कोमल मोह है किसका माँ का प्यार अब जाने ना कोईरीती जगत की जाने न कोई रीति जाग की जाने ना कोई क्रोध मनुष्य मुख लज्जित सा हुए मैं की अभिलाषा कर प्रथम-प्रथम परिचित हैं देतादेख पुण्य प्रहार कर दुख भोगी हुईरुनझुन- रुनझुन  मन गीत के है पुकारे पर मानव आज अपनी परछाई को भी नकारें जाग की चिंता मुख़ पर हुए अजर अमर बनने की चाह मेंखुद को भूल है जाये पर,लोगों की भीड़ में आंखें बंद कर सो जाएं रीति जाग की जाने ना कोई  रीति जाग की जाने ना कोई प्रेम पाने की अभिलाषा कहा कलियुग में हुए त्याग कर खुशियों का हहकर है मचाए नीले नीले अम्बर पर एक दिन ख़ुद को अकेला हैं पाए मुझे चाहा बस है इतनी मेरी जय-जय कार  जगत में हुईं रीति जाग की जाने ना कोई  रीति जाग की जाने ना कोई ॥ पढ़िए :- बदलते रिश्तों पर कविता "आसमाँ में उड़ने लगे" रचनाकार का परिचय यह कविता हमें भेजी है प्रियंका गौतम जी ने दिल्ली से। “ प्रेरणादायक कविता…

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हिंदी कविता बलात्कार | Hindi Kavita Balatkar

प्रस्तुत है चारू मित्तल जी द्वारा रचित हिंदी कविता बलात्कार :- हिंदी कविता बलात्कार ना जानी ना समझी,कुसूर मेरा,अपराध मेरा,मै तो थी मासूम कली।अपनी डाल पे मैं खिली।। कुछ सपने सतरंगी से,जो धनक मे भिगोते से थे।कुछ ख्वाब अधपके से,जो गालो पे लाली संजोते से थे।। अभी तो ना मोहब्बत…

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मृत्यु पर कविता – प्राण परिंदा एक समान | Mrityu Par Kavita

Mrityu Par Kavita - जीवन की वास्तविकता और जीवन की बाद की वास्तविकता को दर्शाती हुई प्रवीण जी की " मृत्यु पर कविता " मृत्यु पर कविता प्राण परिंदा एक समानजिसको इक दिन उड़ जाना है।तुमने जो कर्म किये है जग मेंबस उनका ही ताना-बाना है।। पाप और पुण्यों का…

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Zindagi Kavita In Hindi | जिंदगी पर कविता

Zindagi Kavita In Hindi - आप पढ़ रहे हैं जिंदगी पर कविता Zindagi Kavita In Hindiजिंदगी पर कविता ईश्वर द्वारा बख्शीश,सांसों का नाम है जिंदगी।मन में ना हो गंदगी,जिंदादिल हो जिंदगी। सर ऊंचा रहे हमेशा,ऐसी जियो जिंदगी।कभी सर नीचा ना हो,झेलनी ना पड़े शर्मिदंगी। बात का सच्चा,लंगोट का पक्का।काम करो…

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सफर पर कविता | Safar Poem In Hindi

सफर पर कविता - आप पढ़ रहे हैं Safar Poem In Hindi :- Safar Poem In Hindiसफर पर कविता जिंदगी का सफ़र,सकून से है जीना।खुशी व गम आते है,सबको है पीना। जिंदगी है ईश्वर की अमानत,कहां व कब हो जाए खत्म।मिलन सार रहो सबसे,मत देओ किसी को सितम। जिंदगी के…

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विद्यार्थी जीवन पर कविता | Vidyarthi Jivan Par Kavita

विद्यार्थी जीवन पर कविता - आप पढ़ रहे हैं ( Vidyarthi Jivan Par Kavita ) विद्यार्थी जीवन पर कविता :- विद्यार्थी जीवन पर कविताVidyarthi Jivan Par Kavita खेल खेल में शिक्षा हो परशिक्षा को खेल समझ बैठे,अब राजनीति के मंचों परतित्तिल सा खूब उलझ बैठे। न इन्हें पड़ा तेरे रोजी…

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Hriday Ki Vandana Kavita | हृदय की वंदना कविता

Hriday Ki Vandana Kavita - आप पढ़ रहे हैं हृदय की वंदना कविता :- Hriday Ki Vandana Kavitaहृदय की वंदना कविता करों को जोड़ कर हमनेलगाया ध्यान माँ का है,झुले माँ की बाँहों में सबअनुपम वात्सल्य माँ का है,नहीं मांगा कनक कुंदननहीं मांगा रत्न आभूषण,हृदय की वंदना से जोआशीष मांगा वो माँ का है।…

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मुस्कान पर कविता | Poem On Smile In Hindi | Muskan Par Kavita

Poem On Smile In Hindi आप पढ़ रहे हैं मुस्कान पर कविता :- Poem On Smile In Hindi मुस्कान पर कविता मानव मुस्कान भरो मन में जीवन नीरस न बनने दो,किसलय कुसुम सा खिलने दो,भार बनो न धरती का,जज्बा रखो कुछ करने का,भौंरे गुनगुनाने दो कानन मेंमानव मुस्कान भरो मन में। उगता सूरज हो…

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