जिंदगी पर कविताएं , जीवन पर कविता
Zindagi Kavita In Hindi , Jeevan Kavita Hindi
Hindi Kavita On Life , Hindi Poetry On Life , Hindi Poems On Life Struggle , Sad Poem In Hindi On Life
आप पढ़ रहे हैं ( Man ke upar kavita hindi mein ) मन पर कविता :- मन पर कविता मन क्यों चंचल इच्छा अनंत,खोजे किसको हर क्षण हर पल।संतोष नहीं ना शांत कहीं,किसको पाने का रहता विकल।। यह रंग रंगीली है दुनिया,होता रहता नित नया यहांहै सार जगत का प्रेम-प्रसंग।मन क्यों चंचल इच्छा अनंत…
आप पढ़ रहे रहे हैं ( Gyan Ki Kavita ) ज्ञान की कविता :- ज्ञान की कविता कब तक चलते रहोगे। लेकर भ्रम की पोटली को हाथ में। मेरे बाद में कैसे, क्या होगा, मेरे परिवार के साथ में। यहां कोई किसी का नही, यहां पालते है सब भ्रम को।…
आप पढ़ रहे हैं कविता हंसना भूल न जाओ :- हंसना भूल न जाओ तल्ख सी है..फिजाएं कुछ, अजब सी बेमियाजी़ है। ज़ायका गुम हुआ कुछ यूं, कि हर शय में खराबी है। नमी आंखों में दिखती है, हृदय भी ग़म से भारी है। उदासी का है यह आलम, जुबां…
आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता गुमराह :- हिंदी कविता गुमराह हम मनाते रहे बार बार, वो हर बार बिछड़ बैठे। मुझे यकीन था जिसपर, वो हमें ही गुमराह कर बैठे। हम देते रहे राह उसे, वो मेरा ही पथभर्ष्ट कर बैठे। नशे के नाम से दूर रहते हैं हम,…
आप पढ़ रहे हैं खोटे सिक्के पर कविता :- खोटे सिक्के पर कविता . मै सिक्का हूं खोटा, एक दिन मै भी चलूंगा। भीख में कभी मस्जिद में, पुजारी की थाली में मिलूंगा। ख़ुश हूं किसान के हाथो में, अमीर के लॉकर में न सडूंगा। हक चुरा न ले कही…
आप पढ़ रहे हैं जिंदगी की हिंदी कविता :- जिंदगी की हिंदी कविता जिंदगी होती है, संघर्ष की कहानी। जिंदगी जीने मे, हम कर जाते है नादानी। बचपन बीता, खेलने कूदने में। जवानी बीत गई, लड़कपन में। वृद्धावस्था में याद आया, जिंदगी का मकसद। समय निकाल दिया, जिंदगी के दंद-फंद…
आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता मृगमरिचिका :- हिंदी कविता मृगमरिचिका मृगमरिचिका जीवन सारा तृष्णा में डूबा जाता है। तृष्णाग्रस्त हो खोया रहता , हाथ नहीं कुछ आता है। मरुभूमि में उज्जवल जल सा... बार-बार बहकाता है। कस्तूरी सा दिशाविहीन मन, भटका- भटका जाता है। रेत ,खार की परतों पर…
आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता अपेक्षा और उपेक्षा :- हिंदी कविता अपेक्षा और उपेक्षा अपेक्षाएं पांव फैलाती हैं... जमाती हैं अधिकार, दुखों की जननी का हैं एक अनोखा.... संसार। जब नहीं प्राप्त कर पाती सम्मान, बढ़ जाता है क्रोध... आरम्पार, दुख कहकर नहीं आता.. बस आ जाता है पांव…
विरह वेदना पर कविता - आदरणीय मित्रों ! हमारे अन्तर्मन में जब भी कोई पीड़ा पलने लगती है , तो उसी प्रसव वेदना से कविता का प्रादुर्भाव होने लगता है । प्रस्तुत रचना में कुछ इन्हीं भाव स्थलों का चित्रण किया गया है । विरह वेदना पर कविता जब जब…
आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता अपना अपना भाग्य :- हिंदी कविता अपना अपना भाग्य संसार की अजब गजब है लीला। कोई खाने के लिए मेहनत करता। कोई पचाने के लिए मेहनत करता। सबकी अपनी-अपनी है भाग्य की लीला। एक कुत्ता है जो सुखी हड्डियों को खाता। एक वह कुत्ता…
आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता बिलखता शिशु :- हिंदी कविता बिलखता शिशु यह है एक बिलखते शिशु की कहानी। हर परिवार में दिखती है यह शैतानी। सुबह-सुबह रोज पडौस में बच्चा चीखता। एक दिन घर जाकर लगाया उसका पता। तैयार कर रही थी उसकी माता। पर बच्चा जाना ही…
आप पढ़ रहे हैं ( Hindi Kavita Sab Baaki Hai ) हिंदी कविता सब बाकी है :- हिंदी कविता सब बाकी है सब बाकी है, सब पाना है, मुझे दूर तक जाना हैं । ये मंजिल नहीं है मेरी, मुझे और कठिनाइयों को निभाना है, मुझे पाना है। ये कठिनाईयाँ…