मीरा बन कर भगवान श्री कृष्ण को दर्शन देने के लिए प्रार्थना करती हुई एक भक्त की ग़ज़ल कन्हैया आप मुझको :-

ग़ज़ल कन्हैया आप मुझको

ग़ज़ल कन्हैया आप मुझको

कन्हैया आप मुझको क्यों नहीं मीरा समझते हो।
नहीं कोई यहाँ मेरा तुम्हीं पीड़ा समझते हो।।

मुझे तुम भूल मत जाना कहे देती अभी तुम से,
शरण आयी पिया तेरे क्योंकि अपना समझते हो।

चले आओ जरा अब यूँ न तड़पाओ सजन प्यारे,
मुझे अपना बनालोगे किया वादा समझते हो।

खुशी तुम से मिली मुझको मग़र तरसा रहे हो तुम,
तरस आता नहीं है क्यों कि बेगाना समझते हो।

भटकती ढ़ूँढ़ने तुमको सँवरिया इक नजर देखो,
जिया तुम बिन नहीं मेरा कहीं लगता समझते हो।

पढ़िए :- कृष्ण पर कविता “तुझ संग प्रीत लगाई कृष्णा”


रचनाकार का परिचय :-

श्रीमती केवरा यदु " मीरा "यह कविता हमें भेजी है श्रीमती केवरा यदु ” मीरा “ जी ने। जो राजिम (छतीसगढ़) जिला गरियाबंद की रहने वाली हैं। उनकी कुछ प्रकाशित पुस्तकें इस तरह हैं :-
1- 1997 राजीवलोचन भजनांजली
2- 2015 में सुन ले जिया के मोर बात ।
3-2016 देवी गीत भाग 1
4- 2016 देवीगीत भाग 2
5 – 2016 शक्ति चालीसा
6-2016 होली गीत
7-2017 साझा संकलन आपकी ही परछाई।2017
8- 2018 साझा संकलन ( नई उड़ान )

इसके अतिरिक्त इनकी अनेक पत्र-पत्रिकाओं में रचनायें प्रकाशित हो चुकी हैं। इन्हें इनकी रचनाओं के लिए लगभग 50 बार सम्मानित किया जा चुका है। इन्हें वूमन आवाज का सम्मान भी भोपाल से मिल चुका है।
लेखन विधा – गीत, गजल, भजन, सायली- दोहा, छंद, हाइकु पिरामिड-विधा।
उल्लेखनीय- समाज सेवा बेटियों को प्रशिक्षित करना बचाव हेतु । महिलाओं को न्याय दिलाने हेतु मदद गरीबों की सेवा।

“ ग़ज़ल कन्हैया आप मुझको ” ( Ghazal Kanhaiya Aap Mujhko ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे रचनाकार का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।

यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।

हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।

धन्यवाद।

Leave a Reply