तेरी याद में कविता

तेरी याद में कविता

तेरी याद में
साँसें दबी दबी सी
अरमाँ कुछ कम हैं।
दिल के दर्द में आज
धड़कन गुमशुम हैं।
रोती रही जमीं मगर
न बरसा आसमाँ।
तेरी याद में हमदम
मेरी आंखें नम है।

मुझको गयी तू छोड़कर
जबसे ऐ जानेजां।
तेरे प्यार में अब तो
मैं फिरता यहाँ-वहाँ।
रहा नहीं कुछ शेष अब
बस मिला मुझे गम है।
तेरी याद में हमदम
मेरी आंखें नम है।

हर जगह हर राह को
दिल तकता हरदम है।
अश्क बहा मैं रो रहा
यूँ छाया मातम है।
तुझसे जुदा हुआ यूं
भटकूँ मैं तन्हा।
तेरी याद में हमदम
मेरी आंखें नम है।

टूटी हुई कोई डाल हो
ऐसा है अपना हाल।
सिसक सिसक मैं जी रहा
खुद में हूँ बदहाल।
तू ही मेरी आरजू
तू ही तो सनम है ।
तेरी याद में हमदम
मेरी आंखें नम है।

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हरीश चमोली

मेरा नाम हरीश चमोली है और मैं उत्तराखंड के टेहरी गढ़वाल जिले का रहें वाला एक छोटा सा कवि ह्रदयी व्यक्ति हूँ। बचपन से ही मुझे लिखने का शौक है और मैं अपनी सकारात्मक सोच से देश, समाज और हिंदी के लिए कुछ करना चाहता हूँ। जीवन के किसी पड़ाव पर कभी किसी मंच पर बोलने का मौका मिले तो ये मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी।

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