प्रस्तुत हिंदी कविता निशा सुन्दरी में “निशा और चाँद ” अर्थात् रात और चन्द्रमा के प्रेममय दृश्य का चित्रण किया गया है।
हिंदी कविता निशा सुन्दरी
भूख मिटाने की आशा में ,
जो दिन भर दौड़ा करते ।
पर्याप्त धनार्जन करनें को,
दिन भर श्रमरत रहते ।।1।।
विश्राम मिलेगा उनको कबतक,
इसी सोच में व्याकुल हैं ।
कब आयेगी शशि की प्यारी,
इंतजार में आकुल हैं ।।2।।
दिन भर जलता रहता सूरज,
जब थकने को आता है ।
तभी निशा का नेह निमंत्रण ,
धरती पर छा जाता है ।।3।।
निशा तुम्हारी बात निराली ,
कितनी प्यारी लगती हो ।
बना चाँद को अपना प्रियतम,
जब आभा में सजती हो ।।4।।
खिलखिलाखिला कर हँसती हो जब ,
चाँद दिवाना बन जाता ।
प्यार भरा आमंत्रण तेरा,
पाकर मन ही मन हरषाता ।।5।।
स्वागत में तेरे बिखराता ,
सुखद चाँदनी हँसकर ।
आँचल में आ जाता तेरे ,
प्यार पाश में फँसकर ।।6।।
चाँदनी बिखेर सम्पूर्ण धरा पर ,
तेरा वंदन करता ।
आगमन मार्ग पर पलक बिछा,
तेरा अभिनन्दन करता ।।7।।
स्वागत करता हाथ जोड़कर,
मेरी बाँहों में आ जाओ ।
मुखमंडल करता आकर्षित ,
मेरी प्यारी बन जाओ ।।8।।
आओ दोनों दोनों में खो जायें,
दोनों जग को सुख पहुँचायें ।
दोनों दोनों के मीत बनें ,
अद्भुत सुख दोनों पायें ।।9।।
पढ़िए :- हिंदी कविता चाँद से फरियाद
रचनाकार का परिचय
नाम – रूद्र नाथ चौबे (“रूद्र”)
पिता- स्वर्गीय राम नयन चौबे
जन्म परिचय – 04-02-1964
जन्म स्थान— ग्राम – ददरा , पोस्ट- टीकपुर, ब्लॉक- तहबरपुर, तहसील- निजामाबाद , जनपद-आजमगढ़ , उत्तर प्रदेश (भारत) ।
शिक्षा – हाईस्कूल सन्-1981 , विषय – विज्ञान वर्ग , विद्यालय- राष्ट्रीय इंटर कालेज तहबरपुर , जनपद- आजमगढ़ ।
इंटर मीडिएट सन्- 1983 , विषय- विज्ञान वर्ग , विद्यालय – राष्ट्रीय इंटर कालेज तहबर पुर , जनपद- आजमगढ़।
स्नातक– सन् 1986 , विषय – अंग्रेजी , संस्कृत , सैन्य विज्ञान , विद्यालय – श्री शिवा डिग्री कालेज तेरहीं कप्तानगंज , आजमगढ़ , (पूर्वांचल विश्व विद्यालय जौनपुर ) उत्तर प्रदेश।
बी.एड — सन् — 1991 , पूर्वांचल विश्व विद्यालय जौनपुर , उत्तर प्रदेश (भारत)
साहित्य रत्न ( परास्नातक संस्कृत ) , हिन्दी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद , उत्तर प्रदेश
पेशा- अध्यापन , पद – सहायक अध्यापक
रुचि – आध्यात्मिक एवं सामाजिक गतिविधियाँ , हिन्दी साहित्य , हिन्दी काव्य रचना , हिन्दी निबन्ध लेखन , गायन कला इत्यादि ।
अबतक रचित खण्ड काव्य– ” प्रेम कलश ” और ” जय बजरंगबली “।
अबतक रचित रचनाएँ – ” भारत देश के रीति रिवाज , ” बचपन की यादें ” , “पिता ” , ” निशा सुन्दरी ” , ” मन में मधुमास आ गया (गीत) ” , ” भ्रमर और पुष्प ” , ” काल चक्र ” , ” व्यथा भारत की ” इत्यादि ।
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