आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता प्राणायाम :-
हिंदी कविता प्राणायाम
प्राणों का रक्षक, होता है प्राणायाम।
नित्य करना चाहिए, सुबह और शाम।
बाह्य अंगों के लिए, होता है योग।
प्राणायाम बनाता है, आंतरिक अंगों को निरोग।
दिनचर्या का हिस्सा हो, आसन और योग।
पर एक दूसरे का, मत भूलो करना सहयोग।
बृस्तरिका कपालभांति, करें अनुलोम विलोम।
शांति व सकारात्मकता बढ़ेगी, पर अंत में जरूर हो ओउम।
जीवन में शुद्ध हो, आहार व्यवहार।
यम नियम का करके पालन, अपनाओ अच्छे संस्कार।
प्राणायाम से बढ़ता है, हमारा श्वास व प्रश्वास।
पर नियमितता है जरूरी, घर हो या प्रवास।
सदैव प्रसन्न रहना भी, ईश्वर की है भक्ति।
प्राणायाम है, इसकी सबसे अच्छी युक्ति।
प्राणायाम से ही मिलती है, जीवनदायिनी शक्ति।
चित्त स्थिर रहता है, खूब करो ईश्वर की भक्ति।
दुनिया को योगासन, है भारत की देन।
भारत में पहले, आर्युवेद व योग शिक्षा थी मेन।
शरीर है अंदर से स्वस्थ, तो आए कोई भी बीमारी।
प्रतिरोधक क्षमता ही,कर देते है मटियामेट सारी।
आज देश विदेश में, प्राणायाम की महिमा बड़ी है।
कोरोना महामारी में, प्राणायाम जीवन की जड़ी है।
पढ़िए :- सकारात्मक सोच पर कविता | Sakaratmak Soch Par Kavita
“रचनाकार का परिचय
“ हिंदी कविता प्राणायाम ” ( Hindi Kavita Pranayam ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।
यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।
हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।
धन्यवाद।
Leave a Reply