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हिंदी कविता व्यथा भारत की
एक लड़ाई मेरे बाहर,
एक लड़ाई अन्दर है।
मैं ही जानूँ मेरे गम का,
कितना बड़ा समन्दर है ।।
तान खड़ी हैं भौहें अपनी ,
कुछ मेरी विपदाएं।
दाँव देखते सगे पड़ोसी,
आयुध कैसा बरसायें।
इनकी नीयत खोट भरी है,
चाल बड़ी प्रलयंकर है।। 1।।
एक लड़ाई मेरे बाहर,
एक लड़ाई अन्दर है।
नेपाल चीन अफगान पाक ,
नित नयी नयी साजिश रचते।
योजना बनाकर खतरनाक,
नित नूतन आतंकी गढ़ते।
आतंकिस्तानों से मिलती,
इनको धनराशि भयंकर है।।२।।
एक लड़ाई मेरे बाहर,
एक लड़ाई अन्दर है।
बढ़ गये आज जयचन्द यहाँ ,
चाहत है अस्तित्व मिटाने की ।
मस्तिष्क भरा है षड्यंत्रों से ,
कोशिश है चमन जलाने की ।
संघे शक्ति नीति हमारी,
पुरुषार्थ हमारा बेहतर है।।3।।
एक लड़ाई मेरे बाहर,
एक लड़ाई अन्दर है।
कहीं चलाते कूटनीति वह,
राजनीति कहीं चमकाते हैं।
कभी सहारा लेते धन का,
पौरुष अपना कभी दिखाते हैं।
सुन लो आतंकी जयचन्द सुनों,
साफल्य तुम्हारा दुष्कर है।।4।।
एक लड़ाई मेरे बाहर,
एक लड़ाई अन्दर है।।
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रचनाकार का परिचय
नाम – रूद्र नाथ चौबे (“रूद्र”)
पिता- स्वर्गीय राम नयन चौबे
जन्म परिचय – 04-02-1964
जन्म स्थान— ग्राम – ददरा , पोस्ट- टीकपुर, ब्लॉक- तहबरपुर, तहसील- निजामाबाद , जनपद-आजमगढ़ , उत्तर प्रदेश (भारत) ।
शिक्षा – हाईस्कूल सन्-1981 , विषय – विज्ञान वर्ग , विद्यालय- राष्ट्रीय इंटर कालेज तहबरपुर , जनपद- आजमगढ़ ।
इंटर मीडिएट सन्- 1983 , विषय- विज्ञान वर्ग , विद्यालय – राष्ट्रीय इंटर कालेज तहबर पुर , जनपद- आजमगढ़।
स्नातक– सन् 1986 , विषय – अंग्रेजी , संस्कृत , सैन्य विज्ञान , विद्यालय – श्री शिवा डिग्री कालेज तेरहीं कप्तानगंज , आजमगढ़ , (पूर्वांचल विश्व विद्यालय जौनपुर ) उत्तर प्रदेश।
बी.एड — सन् — 1991 , पूर्वांचल विश्व विद्यालय जौनपुर , उत्तर प्रदेश (भारत)
साहित्य रत्न ( परास्नातक संस्कृत ) , हिन्दी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद , उत्तर प्रदेश
पेशा- अध्यापन , पद – सहायक अध्यापक
रुचि – आध्यात्मिक एवं सामाजिक गतिविधियाँ , हिन्दी साहित्य , हिन्दी काव्य रचना , हिन्दी निबन्ध लेखन , गायन कला इत्यादि ।
अबतक रचित खण्ड काव्य– ” प्रेम कलश ” और ” जय बजरंगबली “।
अबतक रचित रचनाएँ – ” भारत देश के रीति रिवाज , ” बचपन की यादें ” , “पिता ” , ” निशा सुन्दरी ” , ” मन में मधुमास आ गया (गीत) ” , ” भ्रमर और पुष्प ” , ” काल चक्र ” , ” व्यथा भारत की ” इत्यादि ।
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