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Poem On Honesty In Hindi
ईमानदारी पर कविता

ईमानदारी पर कविता

जीवन की विपरीत घड़ी में
नहीं छोड़ना तुम ईमानदारी।
वसुधा को स्वर्ग बनाने की
है हम सभी की जिम्मेदारी।।

जीवन में जिस मानव ने
ईमानदारी का वस्त्र पहना।
ईश्वर ने उसे प्रसन्न होकर
दिया सफलता का गहना।।

मुश्किलों से नहीं वह हारता
सच्चाई की राह में खड़ा रहता।
ईमानदारी को अपनाकर के
स्वयं की दृष्टि में वह बड़ा रहता।।

किताबों के अनमोल विचार
दौड़कर कर आते उसकी ओर।
इतिहास में लिख के उसका नाम
सफलता मचाती है अति शोर।।

माना कि यह पथ है मुश्किल
परंतु अंत में यह देता सम्मान।
यह कठिन राह चुनकर मानव
हरा भरा करता है रेगिस्तान।।

रिश्तों में मिठास भर जाती
वीरान घर स्वर्ग बन जाता हैं।
सफल सिद्धांतो पर चल कर
मानव महान बन कर आता है।।

ईमानदारी को न समझो छोटा
यह समस्त शास्त्रों का सार है।
जिस मानव ने इसे किया धारण
ईश्वर का उसे आशीष अपार है।।

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नमस्कार प्रिय मित्रों,

सूरज कुरैचया

मेरा नाम सूरज कुरैचया है और मैं उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के सिंहपुरा गांव का रहने वाला एक छोटा सा कवि हूँ। बचपन से ही मुझे कविताएं लिखने का शौक है तथा मैं अपनी सकारात्मक सोच के माध्यम से अपने देश और समाज और हिंदी के लिए कुछ करना चाहता हूँ। जिससे समाज में मेरी कविताओं के माध्यम से मेरे शब्दों के माध्यम से बदलाव आए।

क्योंकि मेरा मानना है आज तक दुनिया में जितने भी बदलाव आए हैं वह अच्छी सोच तथा विचारों के माध्यम से ही आए हैं अगर हमें कुछ बदलना है तो हमें अपने विचारों को अपने शब्दों को जरूर बदलना होगा तभी हम दुनिया में हो सब कुछ बदल सकते हैं जो बदलना चाहते हैं।

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