माँ को समर्पित कविता

माँ को समर्पित कविता

माँ को समर्पित कविता

गीत लिखुँ तुझ पर माँ
या लिखुँ कोई कविता,
रो पड़ा हुँ देख कर
तेरे आँचल में ममता,

तु कितनी सुंदर है माँ
तु कितनी प्यारी है माँ,
कितना भी देखुं तुझे
मन नहीं भरता
मन नहीं भरता….

बनाने वाले ने तुझे माँ
क्या खूब बनाया है,
रोम-रोम में बसी तेरे
स्नेहपूर्ण छाया है,

तु कितनी मनभावन है
तु कितनी पावन है,
देख के तेरी पावनता
मन नहीं भरता
मन नहीं भरता….

हर पल हर क्षण बस
याद तुझे ही करता हूँ,
तेरे चरणों की सेवा में
बन चकोर तकता हूँ,

तु कितनी गुणवान है
तु कितनी धैर्यवान है,
देख के तेरी उदारता
मन नहीं भरता
मन नहीं भरता….

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