वीरों पर कविता – नमन करूँ या पुष्प चढ़ाऊँ | Veero Par Kavita

वीरों पर कविता - आप पढ़ रहे हैं भारत के वीरों पर कविता " नमन करूँ या पुष्प चढ़ाऊँ " :- Veero Par Kavitaवीरों पर कविता नमन करूँ या पुष्प चढ़ाऊँ,इस धरा के प्यारे वीरों को,खुद को भुला के राह दिखाई,अंधे ओर अधिरों को जीवन के छोड़ भोग,अनवरत लेखन में…

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Hindi Kavita Akalmand China | हिंदी कविता अक्लमंद चाइना

Hindi Kavita Akalmand China - आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता अक्लमंद चाइना :- Hindi Kavita Akalmand Chinaहिंदी कविता अक्लमंद चाइना अकलमंद चाइना।पहले देख ले आईना। शक्ल पर बजे है 12अब हिंदुस्तानी बजाएगा तेरा बाजा। चीनी सामान का करेंगे बहिष्कार।स्वदेशी को अपनाएंगे। हम लोगों का स्वदेशी सामान अपनाने से।चीन का…

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Deepon Ka Tyohar Diwali | दीपों का त्यौहार दीवाली | Festivals Of Light

Deepon Ka Tyohar Diwali - आप पढ़ रहे हैं दीपों का त्यौहार दीवाली Deepon Ka Tyohar Diwaliदीपों का त्यौहार दीवाली त्यौहारों में खास दिवाली,बच्चों का आनंद दिवाली। रिश्ते नातों का मेल दीवाली,दीपों का त्यौहार दिवाली। खुशियों का गुब्बार दिवाली,सुंदरता की मान दिवाली। पटाखों का शौर दीवाली,दीपों का त्यौहार दिवाली। नवयोवना कि आश दिवाली,उल्लास…

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Chhattisgarh Par Kavita | मेरा छत्तीसगढ़ महान है | Hindi Poem On Chhatigarh

Chhattisgarh Par Kavita - आप पढ़ रहे हैं छत्तीसगढ़ पर कविता मेरा छत्तीसगढ़ महान है :- Chhattisgarh Par Kavitaमेरा छत्तीसगढ़ महान है महकती प्रकृति की गोद में बसा, देश की शान है।लवकुश की जन्मस्थली,मेरा छत्तीसगढ़ महान है। राजिम,सिरपुर,शिवरीनारायण,चंद्रपुर पवित्र धाम है।केशकाल,मैनपाट,चित्रकूट,तीरथगढ़ स्वर्ण समान है। कोरबा कोयला का भंडार,बैलाडीला दल्ली लोहे की खान है।वीर नारायण, गुरू घासीदास,गुण्डाधुर माटी…

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Deepak Par Kavita | दीपक पर कविता – दीपक हूँ, मैं शुभ दिवाली

Deepak Par Kavita - आप पढ़ रहे हैं दीपक पर कविता - दीपक हूँ, मैं शुभ दिवाली Deepak Par Kavitaदीपक पर कविता अदम्य गगन में, बैठा सूरजआलौकिक, संदेश देतासमर्पण की, नदियाँ भरनि:स्वार्थ आलोक, बिखराता है। दीपक हूँ, मैं शुभ दिवालीमुझसे सजती, आरती थालीजल-जल कर भी, जगमग करताहंसना सूरज से, सीखा है। दीपशिखा, आकर मुझ…

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Sharad Ka Chaand Kavita | शरद का चाँद कविता

Sharad Ka Chaand Kavita - आप पढ़ रहे हैं शरद का चाँद कविता :- Sharad Ka Chaand Kavitaशरद का चाँद कविता शरद चांद उत्सव को,होती है रात में अमृत वर्षा।दूध चावल से बना व्यंजन, खीर पर होती है खूब चर्चा।  लगा भोग शरद चांद के, करते है प्रसाद सभी ग्रहण। सभी का हो प्रसाद में अंश, करते है थोड़ा थोड़ा संग्रहण। …

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Hriday Ki Vandana Kavita | हृदय की वंदना कविता

Hriday Ki Vandana Kavita - आप पढ़ रहे हैं हृदय की वंदना कविता :- Hriday Ki Vandana Kavitaहृदय की वंदना कविता करों को जोड़ कर हमनेलगाया ध्यान माँ का है,झुले माँ की बाँहों में सबअनुपम वात्सल्य माँ का है,नहीं मांगा कनक कुंदननहीं मांगा रत्न आभूषण,हृदय की वंदना से जोआशीष मांगा वो माँ का है।…

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Apno Par Kavita | अपनों पर कविता | Poem Dedicated To Family

Apno Par Kavita - आप पढ़ रहे हैं माँ पापा की याद में कविता - Apno Par Kavitaअपनों पर कविता माँ-पापा के श्वास-श्वास कीमैं धड़कन सुन लेता हूँ,अपनों से पाके प्यार मुहब्बतयूँ कविता बुन लेता हूँ। घर की चार दीवारी में देखोसब हिस्से घूम रहे है,आँगन में चारों भाई-बहन केसब किस्से घूम रहे है, होंठों पे…

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Ozone Day Poem In Hindi | ओजोन दिवस पर कविता | Save Ozone Layer

Ozone Day Poem In Hindi - आप पढ़ रहे हैं ओजोन दिवस पर कविता :- Ozone Day Poem In Hindiओजोन दिवस पर कविता हे मानव;ओजोन परत वरदानी,सूरज की घातक;पराबैंगनी किरणों से बचाती,यह जीवनदानी ।। अब तक शीतलता थी;तन में, मन मे औरहमारे जीवन में,परन्तु;बेचैनी महसूस करती;तपिश भरी जिंदगानी,अब समझ आई;अपनी मनमानी ।। शीतभंडारो, मोटर…

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नदी पर कविता | Nadi Par Kavita | Beautiful Poem On River

Nadi Par Kavita - आप पढ़ रहे हैं नदी पर कविता :- Nadi Par Kavitaनदी पर कविता काव्य की जननी,प्राण प्रदायिनी नदियां..लेखनी बना लेती है सूर्य कीअनगिनत रश्मियों और चन्द्रकिरणों को । लिखा जाता है अद्भुत काव्य प्रकृति की छांँव तले।अपने काव्य से हिमखंडों को पिघला…बह निकली हैं नदियां जीवनदायनी बन।चंचल, उन्मुक्त, खिलखिलाती… लहराती. .…

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Koyal Par Kavita | कोयल पर कविता – कोकिला

Koyal Par Kavita - आप पढ़ रहे हैं कोयल पर कविता " कोकिला " Koyal Par Kavitaकोयल पर कविता कानों में मिश्री सी घोले,काली ' कोकिला ' मीठा बोले। मीठी तान सुनाती हैगुण अमूल्य समझाती है। पतझड़ हो या रहे बसंत,सुर में मगन हो जाती है। दिन देखें न रात कभी,बड़ी लगन से…

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Kaidi Aur Kokila | कैदी और कोकिला | Makhanlal Chaturvedi’s Best Poem

Kaidi Aur Kokila आप पढ़ रहे हैं माखनलाल चतुर्वेदी जी की रचना " कैदी और कोकिला " :- Kaidi Aur Kokilaकैदी और कोकिला क्या गाती हो?क्यों रह-रह जाती हो?कोकिल बोलो तो!क्या लाती हो?संदेशा किसका है?कोकिल बोलो तो! ऊँची काली दीवारों के घेरे में,डाकू, चोरों, बटमारों के डेरे में,जीने को देते नहीं पेट-भर खाना,मरने भी देते नहीं, तड़प रह जाना!जीवन…

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