हिंदी कविता यूँ राहों में | Hindi Kavita Yun Rahon Me

हिंदी कविता यूँ राहों में तेरी जुल्फों की घनेरी छाँवों में रात भर रहा तेरी बाहों में, निकल के चाँद छिप गया चेहरा नजर आया यूँ राहों में। फितरत तेरी कुछ इस तरह की अदाओं से राज करती है, तेरे जगने से दिन निकलता है झुके पलकें तो रात ढ़लती…

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रामधारी सिंह दिनकर पर कविता :- दिनकर की चमक

रामधारी सिंह दिनकर पर कविता पश्चिम में छिपता दिनेश जो,उदित होता फिर नित्य नभ में। है चकित क्षितिज भी देख,दिनकर की चमक सतत जग में। प्रखर अग्नि सा तेज भरा, वीररस के ओजस्वी राष्ट्रकवि। भानु रश्मि सम तीव्र वेग सी, थी उनकी लेखनी की गति। रेणुका,कुरुक्षेत्र,उर्वशी एवं, सूरज का ब्याह…

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मानव जीवन पर कविता | Manav Jivan Kavita | Beautiful Poem On Human In Hindi

Poem On Human In Hindi | आप पढ़ रहे हैं मानव जीवन पर कविता :- मानव जीवन पर कविता एक दिन जब एकांत मेंदेखा स्वयं को करीब से ।आईना बोला जीवन मिलामानव तुझको बड़े नसीब से ।। तू माटी का वह पुतला हैजो चट्टानों को देता हिला ।मोड़कर सरिता की धार कोरेगिस्तान में पुष्प…

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माँ की याद में कविता | Maa Ki Yaad Me Kavita

माँ की याद में कविता मां यदि तुम होती,, सारे सपने मेरे होते. इन सपनों का मै होता घर का आंगन.. घर में झूला, इन झूलों पर मैं होता। मां यदि तुम होती,, सारे सपने मेरे होते.. ना होती कोई कविता, कहानी, ना रोता जैसे रोता हूं, तेरे बिन ना…

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कोरोना पर दो कविताएं :- कोरोना को हराना है और हमसे तुम डरो ना

कोरोना पर दो कविताएं कोरोना को हराना है हर घर में यहीं नारा है, कोरोना को हराना है। इसने कैसा चक्कर चलाया, बड़े बड़ों को घर में बैठाया, अब इसको भी भागना है, फिर से घूमने जाना है। थाली से सब्जी गायब , मुंह से पान और मावा गायब, महंगा…

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ग़ज़ल न तुम ही मिलोगे | Ghazal Naa Tum Hi Miloge

ग़ज़ल न तुम ही मिलोगे न तुम ही मिलोगे न हम ही मिलेंगे। फ़क़त सोज़-ए-हिज्रां में जलते रहेंगे। निभा दोनों लेंगे यूँ अपनी वफ़ा को अगर जी न पाए यक़ीनन मरेंगे। ज़माने के डर से बहुत खींची रेखा कभी ना कभी फ़ासले तो मिटेंगे। वो युग था पुराना ख़तों का…

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हिंदी कविता स्वप्न | बेटी का बाप | Kavita Beti Ka Baap

हिंदी कविता स्वप्न | बेटी का बाप वो दरवाजे पे खड़ी मुस्कुरा रही थी चिड़ियों को देख खिलखिला रही थी, तभी मां ने पीछे से उसको गोद में उठाया और वह जोर से चिल्लाई "पापा ओ पापा" "देखो ना! माँ मुझे खेलने नहीं दे रही" और अचानक से मेरी नींद…

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हिंदी दिवस पर हास्य कविता :- हिंदी बहुत निराली है | Hindi Diwas Par Hasya Kavita

हिंदी भाषा का महत्त्व बताती हरीश चमोली जी की बेहतरीन रचना ( Hindi Diwas Par Hasya Kavita ) हिंदी दिवस पर हास्य कविता "हिंदी बहुत निराली है" हिंदी दिवस पर हास्य कविता हिंदी लगती मस्त निराली। घर में लाती है उजियाली। कौवा, तोता, कबूतर,मोर। हिंदी में ही मचाओ शोर। ये…

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दूर हो जाने पर कविता :- इस तरह छोड़ो मत मेरा साथ तुम यूँ

दूर हो जाने पर कविता मेरे सपनों को तुम,इस तरह तोड़ो मत। अपना रुख तुम कहीं,और मोड़ो मत। कि मर जायेंगे हम,अब तुम्हारे बिना मेरा साथ तुम यूँ,इस तरह छोड़ो मत। क्यूँ पागल बनाया,था तुमने मुझे गर जाना ही था तो,क्यूँ लगाई ये लत। सुनलो मेरी गुजारिश,तुम न जिद्दी बनों…

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हिंदी कविता कैसी आयी महामारी | Kavita Kaisi Ayi Mahamari

आज पूरा विश्व एक महामारी "कोरोना" से जूझ रही है इसी सन्दर्भ में पढ़िए हरीश चमोली जी की हिंदी कविता कैसी आयी महामारी :- हिंदी कविता कैसी आयी महामारी मानवता में देखो यह कैसी आयी महामारी? छुआछूत की बीमारी यह,प्रचंड रूप है धारी। करके कैद,घर में खुद को,बच पायेगा जन-जन,…

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छाया वसुधा पर विकट अंधेरा कविता | Chhaya Vasudha Par Vikat Andhera Kavita

छाया वसुधा पर विकट अंधेरा कविता पल में बदला विचित्र मौसम छाया वसुधा पर विकट अंधेरा, वृक्ष व मानव कर रहे कामना कब प्रकट होगा मधुमय सवेरा। सुगंधित प्रसून हुए उदास समय का अदभुद चक्र चला, भौरा पुष्प के भीतर बैठकर कह रहा कब होगा मेरा भला। नील गगन भी…

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जीवन को प्रेरणा देने वाली कविता | Prerna Deti Inspirational Kavita

आप पढ़ रहे हैं जीवन को प्रेरणा देने वाली कविता :- जीवन को प्रेरणा देने वाली कविता तेरे सपनों ने तुझे पुकाराअन्तिम कोशिश कर लो यार ।निर्णय लेकर कहो स्वयं सेअवसर नहीं मिलेगा वार वार ।। जब लगती हैं आग हृदय मेंमानव असंभव करता संभव ।पुरानी गतिविधियां त्यागकरधारण करता फिर…

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