Pyar Par Kavita – आप पढ़ रहे हैं प्यार पर कविता :-
Pyar Par Kavita
प्यार पर कविता
एक बात कहूँ ये प्यार न करना,
धोखा है ये कभी इकरार न करना ।
भौंरा करता है फूल से प्यार,
बाद में पड़ता है उसको मरना।
अनमोल समय बर्बाद न करना,
एक बात कहूँ ये प्यार न करना।।
ये प्यार नही दिखावा है,
नए जमाने का पहनावा है।
देखी जो शरारत नैनो की,
तो जीते जी कब्र का बुलावा है।
उम्र हो जाये तो कब्र तैयार करना,
एक बात कहूँ ये प्यार न करना।।
प्यार में हुआ किसे क्या हासिल,
बहुतो को बनाया इसने कातिल।
दिल को थोड़ा काबू करना सीखो,
क्यों तेरा नाम हो इसमे शामिल।
अनुभव मेरा है जाया न करना,
एक बात कहूँ ये प्यार न करना।।
दीवानो को हमने रोते देखा,
प्यार में सबको झुकते देखा।
छिन जाता है सुकून दिन का,
रात की नींदों को उड़ते देखा।
दिल की बातों का इजहार न करना,
एक बात कहूँ ये प्यार न करना।।
अपनो को अपनो से दूर जाते देखा,
आंख की आंसुओ को जमते देखा।
कहते थे जो दो दिल एक जान है हम,
एक पल में ही उनकी जान को जाते देखा।
किसी को पाने की चाहत न करना,
एक बात कहूँ ये प्यार न करना।।
पढ़िए :- प्यार में धोखा कविता | Dhokha Poem In Hindi
रचनाकार का परिचय :-
नाम – प्रशांत त्रिपाठी
पिता – श्री शिवशंकर त्रिपाठी
पता – गोपालपुर नर्वल कानपुर नगर
रूचि – कविता लिखना और गणित विषय अध्यापन कार्य।
“ प्यार पर कविता ” ( Pyar Par Kavita ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे रचनाकार का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।
यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।
हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।
- हमारा फेसबुक पेज लाइक करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
धन्यवाद।
Beautiful creation