सरहद पर जब हमारे जवान देश की रक्षा करते हुए शहीद होते हैं तो सिर्फ उनके ही परिवार को नहीं बल्कि पूरे देश को उसका दुःख होता है। ऐसे में एक आम व्यक्ति की भावना क्या होती है? आइये पढ़ते हैं ( Shaheed Sainik Ke Liye Kavita ) शहीद सैनिकों को समर्पित कविता ” तिरंगा फहरायेंगे “
शहीद सैनिकों को समर्पित कविता
आँखों में आँसू ना लाना तुम
सीमा पे लड़ने जायेंगें,
दुश्मन की छाती पे चढ़
तिरंगा फहरायेंगे।
खून का बदला खून ही होगा
वीरों की शहादत ना भूलेंगे,
कट जाए चाहे शीश हमारे
थ़मती साँसों में जी लेंगे,
वतन हमें है जाँ से प्यारा
हम अपना फर्ज निभायेंगे,
बढ़ते रहेंगें कदम निरंतर
सीना छलनी कर जायेंगें।
दुश्मन की छाती पे चढ़
तिरंगा फहरायेंगे।
सूनी माँ की गोद हुई
चूड़ी पत्नी की टूट गयी,
पिता ने खोया अपना सहारा
बहना की राखी रूठ गयी,
फूंकदो जान कलम में कवियों
शब्दों को शस्त्र बनायेंगें,
रक्त से सिंचेंगे धरा को
नाम अमर कर जायेंगें।
दुश्मन की छाती पे चढ़
तिरंगा फहरायेंगे।
गलमान की घाटी में देखो
नयनों से नीर बहा खूनी,
चीनी गद्धारों ने छूरा घोंपा
हिम्मत हो गयी अपनी दुनी,
छल,मक्कारी,कपट व धोखा
रग-रग में भरा हुआ उनके,
उठो करो सिंह जोर गर्जना
अभिनंदन सा शौर्य दिखायेंगे।
दुश्मन की छाती पे चढ़
तिरंगा फहरायेंगे।
पढ़िए :- शहीद सैनिक पर कविता “जब तक जिंदा था सैनिक”
“ शहीद सैनिकों को समर्पित कविता ” ( Shaheed Sainik Ke Liye Kavita ) के बारे में अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे रचनाकार का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।
यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।
हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।
- हमारा फेसबुक पेज लाइक करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
धन्यवाद।
Leave a Reply