आप पढ़ रहे हैं शायरी संग्रह इन हिंदी ( Shayari Sangrah In Hindi )
शायरी संग्रह इन हिंदी
1.
लोगों से उसकी खुशी देखी जो ना गयी. …!!
फिर एक दिन वो दुनिया को अलविदा कह गयी!!!!
2.
मैं और मेरी चाहत…
यूँ तो धन-दौलत गाडी बंगला सभी कुछ था रिश्तों के बाजा़र में…
एक शख्स सादगी इंसानियत और पर्सनेलिटी में उन सब पर भारी था…!!
3.
ख्वाहिशें पाली हैं बहुत इसलिए उदास थी जिन्दगी!
आग लगा दी झूठी खुशियों को मुस्करा दी जिन्दगी!!
4.
खून में मिठास ही इतनी थी उसके…!
कि लोगों ने लहू पीना शुरु कर दिया…!!
5.
मुफलिसी में भी वो पगली ऐसे गुजारा कर लेती थी…!
आटा गर खत्म भी हो जाए तो चावल से पेट भर लेती थी…!!
6.
खुदकुशी से पहले कहने को तो वो बहुत कुछ कहना चाहती थी…!!
पर उसे दुनिया की परवाह और आँखों में शर्मों हया बाकी है….!!!!!
7.
सुना है कि..जीवनभर वो अल्हड़ और नादान रही..!
रब जाने कैसे इतना बड़प्पन पल में लाई कहाँ से.!! …
8.
इस ज़ालिम ज़माने में इंसा ही इंसान को गिराने में लगा है
क्यूँकि खुद मेहरबां ही क़द्रदान को आज़माने में लगा है
9.
धन-दौलत की उसके जीवन में बहुत कमी थी…. !!
माँ शारद की रहमत से लेखनी की धनी थी…..!!!!
10.
उसे ना तो किसी से था इश्क अश्क या रश्क
वो तो दोस्तों रहती थी बस मस्त मस्त मस्त।
11.
बहोत लिक्ख दिए तेरी दोस्ती के चर्चे मैंने….
अब तेरी बेवफाई पर किताब लिखूँगी….!!!!
12.
कैसे जलाऊँ यादें उसकी!
बेवफा ने खत लिक्खे नहीं,
मोबाइल को आग लगा दूँ,,
बिन मोबाइल जी सकते नहीं!!!!
13.
प्यार उसने भी किया,प्यार मैंने भी किया
फर्क सिर्फ इतना था….
मैं उस पे मरती रही,वो किसी और पे….!!!!
14.
चार दिनों की जिंदगी में और रक्खा ही क्या है…
मोहब्बत भी यदि गुनाह है तो अच्छा क्या है….!!!!
15.
पहले मैं दुखी थी…
फिर मुझे शायरी लिखने का रोग हो गया
अब मैं सुखी दुनिया मुझसे दुखी है
पढ़िए :- योग दिवस पर शायरी व स्लोगन
नाम :- रीता अरोड़ा
उपनाम :- “जयहिन्द हाथरसी” दिल्ली
साहित्य विधा :- हास्य, ओज व सम-सामयिक गद्य व पद्य सभी
शिक्षा :- B A, B.ED
सम्मान :- साहित्य व समाज सेवा क्षेत्र में विभिन्न सम्मान प्राप्त कर चुकी हैं।
पुस्तक:- एक एकल काव्य पुस्तक, दो पुस्तकें प्रकशनाधीन, चालीस साझा संग्रह
साहित्यिक पद :- ट्रू मीडिया महिला काव्य मंच उपाध्यक्ष, प्रणाम पर्यटन पुस्तक सदस्य, मित्र संगम पत्रिका सांस्कृतिक सचिव, दर्पण साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था कार्यकारिणी सदस्य, दस्तक प्रभात पटना दैनिक समाचार पत्र सदस्य
एन जी ओ :- विभिन्न एन जी ओ व समाजसेवी संगठन तथा धार्मिक संगठन में कार्यकर्ता सदस्य
जयहिंद मंच :- राष्ट्रीय परिषद की सदस्या
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धन्यवाद।
मुझे आपकी शायरी बहुत ही पसंद आयी, हिंदी प्याला ब्लॉग को प्रदान करने के लिए कोटि कोटि धन्यवाद
सौरभ जी आपकी इस सुंदर सी प्रतिक्रिया के लिए हृदयतल से आपका हार्दिक आभार।