Swatantrata Diwas Par Kavita
Swatantrata Diwas Par Kavita
स्वतंत्र भारत देख रहे हैं
आज हम-आप अपने सामने,
पर सिद्ध हुआ क्या सपना वो
जो देखा था उस हिंदुस्तान ने।
कि जिस हिंदुस्तान के वीर
हँसकर फंदा चूम गए,
हम आप तो यहां दो नृत्य देख बस
यूँ ही खुशी से झूम गए,
तो क्यों इस भारत की पुश्तें उन
बलिदानों को भूल गई?
क्यों मजबूरन किए गए उन
विष-पानों को भूल गई?
क्या यही मूल्य है उन महान
वीरों की वीर जवानी का,
क्या यही अर्थ है आज़ादी की
उस संघर्ष-कहानी का?
क्या इसी आज़ाद भारत का
सपना सुभाष ने देखा था,
क्या इसीलिए चन्द्रशेखर ने जीवन
भारत माँ के चरणों फेंका था?
कि आज़ाद भारत भ्रष्ट हो,
जातिवाद से पीड़ित, त्रस्त हो,
कि आतंकवाद से परेशान और
दूसरों पर निर्भर शस्त्र हों।
जब सत्तावन की क्रांति धधकी
मंगल की बग़ावत से,
फिरंगी सेना चौंक उठी इस
नव-विद्रोह की आहट से,
जब वीर कुंवर सिंह ने गोरों पर
बिहार से फुंफकारा था,
झांसी वाली सिंहनी ने
झांसी से ललकारा था।
तात्या टोपे, नाना साहेब
ने भी तलवार चलाई थी,
और 11 साल के बाजि राउत ने
सीने पर गोली खाई थी।
स्वातंत्र्य वीर सावरकर ने
बैल बनकर कोल्हू जोता था,
30 वर्ष कारावास काट के
सिंह बनकर लौटा था।
तो लाला लाजपत की लाठी का
बदला लेने निकल पड़ा,
ये भगत सिंह अंग्रेज़-सभा
विस्फोट करने निकल पड़ा ।
अब्दुल गफ्फार खान ने
पश्चिम को संभाला था,
टीपू की तलवार ने
दक्षिण में डेरा डाला था ।
उत्तर की कमान संभालने
हज़रत महल आगे आई थी
और पूरब में भी कनकलता
काल बनकर छाई थी।
इन वीरों की वीरगति
का परिणाम है आज़ादी,
भारत के अस्तित्व का
प्रत्यक्ष प्रमाण है आज़ादी,
साम्राज्यवाद के अंत
का स्पष्ट बखान है आज़ादी,
स्वतंत्रता के समझौतों पर
नेताओं के हस्ताक्षर नहीं,
200 वर्षों की कठिन तपस्या
का वरदान है आज़ादी।।
पढ़िए :- मेरा भारत देश महान कविता | Mera Bharat Desh Mahan Poem
रचनाकार का परिचय
यह कविता हमें भेजी है रोनित शर्मा जी ने, जिनकी उम्र 17 वर्ष है और वे 12वीं कक्षा के छात्र हैं। वे जयपुर (राजस्थान) के प्रताप नगर में रहते हैं व वहीं के एक विद्यालय में अध्ययनरत हैं। हिंदी साहित्य में इनकी रुचि है और हिंदी में कविताऐं लिखना इनकी खूबी।
“ स्वतन्त्रता दिवस पर कविता ” ( Swatantrata Diwas Par Kavita ) आपको कैसी लगी ? “ स्वतन्त्रता दिवस पर कविता ” ( Swatantrata Diwas Par Kavita ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।
यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।
हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।
- हमारा फेसबुक पेज लाइक करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
धन्यवाद।
Leave a Reply