Deepak Par Kavita | दीपक पर कविता – दीपक हूँ, मैं शुभ दिवाली
Deepak Par Kavita - आप पढ़ रहे हैं दीपक पर कविता - दीपक हूँ, मैं शुभ दिवाली Deepak Par Kavitaदीपक पर कविता अदम्य गगन में, बैठा सूरजआलौकिक, संदेश देतासमर्पण की, नदियाँ भरनि:स्वार्थ आलोक, बिखराता है। दीपक हूँ, मैं शुभ दिवालीमुझसे सजती, आरती थालीजल-जल कर भी, जगमग करताहंसना सूरज से, सीखा है। दीपशिखा, आकर मुझ…