देशभक्ति कविता : हिंद की ओर | Desh Bhakti Kavita
देशभक्ति कविता : हिंद की ओर सहज-सहज, प्रभु को सिमर-सिमर। पग चले, प्रगति स्वर्ण, हिंद की ओर। धूमिल न हो राष्ट्र, छवि, विश्व पटल पर। चले सर्वत्र क्षण, स्वच्छता का उपक्रम। क्षण-क्षण, सदन-कुंज में हो प्रेम सदा। धीमें से चले, पग हिंद, उत्थान की ओर। प्रभु में विलीन हो, सर्व…