मेरा नाम हरीश चमोली है और मैं उत्तराखंड के टेहरी गढ़वाल जिले का रहें वाला एक छोटा सा कवि ह्रदयी व्यक्ति हूँ। बचपन से ही मुझे लिखने का शौक है और मैं अपनी सकारात्मक सोच से देश, समाज और हिंदी के लिए कुछ करना चाहता हूँ। जीवन के किसी पड़ाव पर कभी किसी मंच पर बोलने का मौका मिले तो ये मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी।
कुर्सी तो लगभग हर घर में होती है और आप सभी उसे देखते भी होंगे। लेकिन एक कवि उस किस तरह से देखता है आइये जानते हैं हरीश चमोली जी की ( Kursi Par Kavita ) कुर्सी पर कविता " ओ प्यारी कुर्सी " कुर्सी पर कविता कुर्सी-कुर्सी, ओ प्यारी…
माँ अपने जीवन में बहुत कष्ट सहती है जिस से कि उसका परिवार सुखी रह सके कैसे? पढ़िए हरीश चामोली जी द्वारा रचित ( Maa Ka Dard Kavita ) माँ का दर्द कविता "जलती आग की लौ है माँ" माँ का दर्द कविता वो मिट्टी के कच्चे चूल्हे पर,जलती आग…
मनुष्य को जन्म देने वाली माँ जन्म के पहले से लेकर बच्चे के बड़े होने तक बहुत कष्ट सहती है। माँ के त्याग और बलिदान को समर्पित ( Maa Ki Mahima Kavita ) माँ की महिमा कविता " माँ लाकर इस दुनिया में " माँ की महिमा कविता माँ लाकर…
आप पढ़ रहे हैं ( Maa Bahu Par Kavita ) माँ बहू पर कविता " माँ के जीवन में " माँ बहू पर कविता माँ के जीवन में, वह दिन आता है। प्रतीक्षा जिसकी, वर्षों से होती है। पति की सारी, जीवन की पूंजी से, निज बच्चों के, व्याह में…
आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता अजीज परिंदा :- हिंदी कविता अजीज परिंदा पिंजरे में पंख फड़फड़ाता परिंदा था। रहने को साथ मिरे,घबराता परिंदा था। दस्तक देता जब मैं,उसके पिंजरे पर, देख,दरवाजा खड़खड़ाता परिंदा था। पंछी को अक्सर मैं ही दाना देता था, मुझे कहकर जान, चिढ़ाता परिंदा था। राब्ता…
Maharana Pratap Poem In Hindi - महाराणा प्रताप जी को समर्पित हरीश चमोली की कृपाण घनाक्षरी में महाराणा प्रताप पर कविता ( Maharana Pratap Poem ) " हाथों में है लिए भाल " :- Maharana Pratap Poem In Hindiमहाराणा प्रताप पर कविता हाथों में है लिए भाल,आक्रोश में नेत्र लाल।जोश…
कुछ बातें अधूरी रह जाती हैं। जब कोई अचानक बिछड़ता है। उस वक़्त जिंदगी में बस दो ही चीजें बचती हैं। या तो अश्क बहाए जाएँ या फिर उसे समझाया जाए कि हमारी जिंदगी उसके बिना कितनी अधूरी है। ज़हन में एक अजीब सी कशमकश चलती रहती है। वो क्या…
विजात छंद में लिखी हुयी माँ की महिमा का गान करती हरीश चमोली जी की ( Hindi Poem On Mothers Day Poem ) मातृ दिवस पर हिंदी कविता " मखमली गोद तेरी माँ " मातृ दिवस पर हिंदी कविता नयन में प्रेम ज्योति जला। हृदय अमृत प्रवाह मिला। महक जाते…
आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता मैं शायर न होता :- हिंदी कविता मैं शायर न होता तेरी यादों को रखके, दिल सुराही हो गया। आँसू का हर एक कतरा, स्याही हो गया। मिले दिल के पन्नों पे बेवफ़ाई के गम हैं इसीलिए मैं कलम का सिपाही हो गया। मोहब्बत…
आप पढ़ रहे हैं हरीश चमोली जी द्वारा रचित ( Kartavya Par Kavita ) कर्तव्य पर कविता " धर्म से बड़ा कर्तव्य " :- कर्तव्य पर कविता कोई जीवन में आगे बढ़ता, कोई पीछे रह जाता है।कोई ठोकर खाकर भी,हर बार संभल नहीं पाता है।जो सुप्त पड़े हर जन-जन में,एक…
हर मौसम में बिना किसी छुट्टी के काम करने वाले किसान पर हिंदी कविता :- किसान पर हिंदी कविता ज्येठ की सुलगती अग्नि में हल लगाने को मजबूर हुआ, प्रताड़ित होकर आपदाओं से, स्वखुशियों से ही दूर हुआ। खून पसीना बहा-बहाकर,जो एक-एक पाई जुटाता है, फिर चुकाने कुछ सूत-ब्याज, वह…
मजदूर पर कविता मजदूर के भाग्य का कैसा, विपुल दुर्भाग्य होता है। हजारों बँगले बनाकर स्वयं, फुटपाथ पर सोता है। कमाने चार आने जो, आप पसीने में ही नहाता है, वो ठिठुर-ठिठुर फुटपाथों पर, सारी ही रात रोता है। दाल मखनी और पनीर तो बस सपने में खाता है, हाँ…