श्रीमती केवरा यदु ” मीरा ” जी राजिम (छतीसगढ़) जिला गरियाबंद की रहने वाली हैं। उनकी कुछ प्रकाशित पुस्तकें इस तरह हैं :-
1- 1997 राजीवलोचन भजनांजली
2- 2015 में सुन ले जिया के मोर बात ।
3-2016 देवी गीत भाग 1
4- 2016 देवीगीत भाग 2
5 – 2016 शक्ति चालीसा
6-2016 होली गीत
7-2017 साझा संकलन आपकी ही परछाई।2017
8- 2018 साझा संकलन ( नई उड़ान )
इसके अतिरिक्त इनकी अनेक पत्र-पत्रिकाओं में रचनायें प्रकाशित हो चुकी हैं। इन्हें इनकी रचनाओं के लिए लगभग 50 बार सम्मानित किया जा चुका है। इन्हें वूमन आवाज का सम्मान भी भोपाल से मिल चुका है।
लेखन विधा – गीत, गजल, भजन, सायली- दोहा, छंद, हाइकु पिरामिड-विधा।
उल्लेखनीय- समाज सेवा बेटियों को प्रशिक्षित करना बचाव हेतु । महिलाओं को न्याय दिलाने हेतु मदद गरीबों की सेवा।
छात्र ही हमारे देश का भविष्य होते हैं। ऐसे में उन्हें सही मार्गदर्शन और प्रेरणा की बहुत आवश्यकता होती है। विद्यार्थियों की उम्र ऐसी होती है कि अगर उन्हें समय रहते सही शिक्षा न दी जाए तो वह बुरी संगत में फंस सकते हैं। ऐसे में उन्हें समय-समय पर उनके…
शिक्षक का पद जीवन में ईश्वर से भी बड़ा होता है। वही हमें ईश्वर का बोध कराता है। आइये पढ़ते हैं उसी शिक्षक के सम्मान में शिक्षक के ऊपर कविता "शिक्षक ईश सामान है" :- शिक्षक के ऊपर कविता शिक्षक ईश समान है, कर गुरु का सम्मान। अक्षर अक्षर जोड़…
भारतीय सेना के शौर्य को प्रस्तुत करती और चीन को उसकी औकात बताता भारतीय सेना पर दोहा गीत " सैन्य सबल है देश की " :- भारतीय सेना पर दोहा गीत सैन्य सबल है देश की, बचकर रहना चीन। सांप सामने बैठ कर, बजा रहा क्यों बीन।। राम कृष्ण की…
मीरा बन कर भगवान श्री कृष्ण को दर्शन देने के लिए प्रार्थना करती हुई एक भक्त की ग़ज़ल कन्हैया आप मुझको :- ग़ज़ल कन्हैया आप मुझको कन्हैया आप मुझको क्यों नहीं मीरा समझते हो। नहीं कोई यहाँ मेरा तुम्हीं पीड़ा समझते हो।। मुझे तुम भूल मत जाना कहे देती अभी…
भगवान श्री कृष्ण के चरणों में एक दर्शनअभिलाषी भक्त की करुण पुकार पर कविता " कृष्ण पर कविता " कृष्ण पर कविता तुझ संग प्रीत लगाई कृष्णा कृष्णा कृष्णा हो कान्हा। आओ कन्हाई आओ कन्हाई।। तुझ संग प्रीत लगाई कृष्णा-- कान्हा तूने राधा से प्रीत लगाई। प्रीत लगा के कैसे…
हमारे सामाज में फ़ैल रही बुराइयों का अंत करने के लिए परशुराम से को आकर पाप मिटाने की प्रार्थना पर कविता " परशुराम पर कविता " परशुराम पर कविता हे धीर वीर परशुराम आज धरा पर आ जाओ। ले कृपाण फिर हाथ प्रभू धरती का भार मिटाओ। गली गली में…
देश प्रेम की भावना से ओत-प्रोत वतन पर कविता " ये है मेरा वतन " :- वतन पर कविता ये है मेरा वतन मेरा गंगा जमन। ये देश है गौतम गांधी काये देश है नेहरू शास्त्री कायहाँ तिरंगा प्यारा हैयहाँ गंग जमुन की धारा हैमेरा तन मन मेरा है जीवन।…
भगवान राम के अयोध्या आगमन पर उनका स्वागत करने के लिए प्रस्तुत है एक भक्तिमय कविता। राम मंदिर पर हिंदी कविता "चलो करें स्वागत" :- राम मंदिर पर हिंदी कविता चलो करें स्वागत आरती सजालो कि दीप जला लो। श्री राम जी चले आरहे हैं । राम जी चले आरहे…
बुरी आदतों का त्याग कर ईमानदारी से जीवन व्यतीत करने के लिए प्रेरित करती ( Tyag Par Kavita ) त्याग पर कविता "छल द्वेष दंभ त्याग कर" :- त्याग पर कविता आया है जो इस जग में इंसान बन के जी । छल द्वेष दंभ त्याग कर ईमान बन के…
भगवान श्री कृष्ण के प्रेम में उनके दर्शन प्राप्ति की कामना में लिखी गयी ( Krishna Prem Kavita ) कृष्ण प्रेम कविता " सुन कान्हा मेरी याद " कृष्ण प्रेम कविता सुन कान्हा मेरी याद तुमको आती तो होगी। ओ पूनम की रात तुम्हें रुलाती तो होगी । सुन कान्हा-----…
भाई बहन के रिश्ते को समर्पित है रक्षाबंधन का त्यौहार। लेकिन जब भाई सरहद पर देश की रक्षा कर रहा होता है तो अकसर बहनें उन्हें याद करती है और राखी आने से कुछ दिन पहले उसे घर आने के लिए बोलती है। ऐसे में क्या बात होती है भाई…
एक बहन के लिए उसके भाई का जीवन में क्या महत्त्व होता है आइये जानते हैं इस ( Rakhi Par Kavita ) राखी पर कविता " वो भैया ही मेरा " :- राखी पर कविता जब मन मेरा घबराये भैया को पता चल जाये। तब हाथ पकड़ के मेरा मुझे…