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योग दिवस पर कविता

योग दिवस पर कविता

नियमित करो योग।
बने रहोगे निरोग।

योग देता है शक्ति।
करो ईश्वर की भक्ति।

मिलेगी जीवन से मुक्ति।
योग ही है इसकी युक्ति।

योग से आती है उर्जा।
योगी के नही होता कर्जा।

सूर्योदय से पूर्व उठो रोज।
जीवन में आती है मौज।

प्रभात में करो प्राणायाम।
दीर्घायु हो करके व्यायाम।

योग से छुटते है व्यसन।
अच्छा होता है श्वसन।

रोज करते रहो आसन।
अच्छा होता है पाचन।

खूब खाते है खाना।
बार-बार न हो पाखाना।

योगी नही होता भोगी।
योग से रहता है निरोगी।

योग दिवस का संदेश।
रोगमूक्त हो सभी देश।

करके योग रहो मस्त।
नही लगेंगे कभी दस्त।

जीवन में करो सहयोग।
व्याधि को भगाए योग।

भारत ने योग को जाना।
पुरी दुनिया ने अब माना।

दुनिया में बनी पहचान।
मेरा भारत देश महान।

पढ़िए :- योग पर कविता | आओ मिलकर योग करें


“रचनाकार का परिचय

हंसराज "हंस"
हंसराज “हंस” जी गत 30 वर्षो से अध्यापन का कार्य करवा रहे है। शिक्षा मे नवाचारों के पक्षधर है। “हैप्पी बर्थडे” “गांव का अखबार” इनके शैक्षिक नवाचार है। शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशालाओं में संदर्भ व्यक्ति ( रिसोर्स पर्सन ) के रूप में 8-10 वर्षों का अनुभव रखते है। तात्कालिक मुद्दों, जयंतियों व सामाजिक कुरीतियों पर आलेख लिखते रहते। मौलिक लेख विभिन्न सामाजिक, धार्मिक व देश व प्रदेश की पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। इसके साथ ही न्यूज पोर्टल व सोशल मीडिया के माध्यम से भी कई वेबीनारो व फेसबुक लाइव प्रसारण पर विभिन्न मंचों के माध्यम से अपने मौलिक विचारों का प्रकटीकरण करते रहते है। शिक्षक संगठन व सामाजिक संगठनों में विभिन्न दायित्वों का निर्वाह करते हुए निरंतर सामाजिक सुधारों की ओर अग्रसर है।

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