Mothers Day Poem In Hindi आप पढ़ रहे हैं मातृ दिवस पर कविता ( Mothers Day Poem In Hindi ) :-

Mothers Day Poem In Hindi
मातृ दिवस पर कविता

Mothers Day Poem In Hindi

मां जब जब मैं कहता हूं
प्रफुल्लित हो जाता है उर।
जैसे नन्हे जन्मे पंक्षी को
मिल जाते हो उड़ने के पर।।

एक पल मां की आंखो से
नहीं कभी रह पाता हूं मै दूर।
मां कहकर रोने से नैन मेरे
आंसू बहाने को होते मजबूर।।

उसकी आंखो का तारा हूं मैं
लाड प्यार से मुझको है पाला।
नजर किसी की न लगे मुझे
इसलिए लगाती टीका काला।।

सब से कहती हैं मेरा बेटा
कामयाब होगा एक दिन।
आसमान में चांद सितारे
न रोशन होगे उसके बिन।।

मेरी प्यारी मां का जीवन में
एक छोटा सा सपना है।
सुत मेरा सदा रहे प्रफुल्ल
वहीं तो उसका अपना है।।

रात दिन घोर परिश्रम करके
नहीं एक पल को वह थकती है।
एक एक पैसा जमाकर के
मेरे रोशन भविष्य में रखती हैं।।

मां की महिमा बड़ी निराली है
जिसके पास है वह है अमीर।
भले सोने चांदी की सम्पदा हो
पर मां न हो तो वह है फकीर।।

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नमस्कार प्रिय मित्रों,

सूरज कुमार

मेरा नाम सूरज कुरैचया है और मैं उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के सिंहपुरा गांव का रहने वाला एक छोटा सा कवि हूँ। बचपन से ही मुझे कविताएं लिखने का शौक है तथा मैं अपनी सकारात्मक सोच के माध्यम से अपने देश और समाज और हिंदी के लिए कुछ करना चाहता हूँ। जिससे समाज में मेरी कविताओं के माध्यम से मेरे शब्दों के माध्यम से बदलाव आए।

क्योंकि मेरा मानना है आज तक दुनिया में जितने भी बदलाव आए हैं वह अच्छी सोच तथा विचारों के माध्यम से ही आए हैं अगर हमें कुछ बदलना है तो हमें अपने विचारों को अपने शब्दों को जरूर बदलना होगा तभी हम दुनिया में हो सब कुछ बदल सकते हैं जो बदलना चाहते हैं।

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